कवर्धा वनमंडल में बायसन (गौर) मृत्यु प्रकरण का खुलासा, वन विभाग की त्वरित कार्रवाई से दो आरोपी गिरफ्तार
कवर्धा वनमंडल के जामपानी क्षेत्र में दो बायसन (गौर) की मृत्यु के मामले में वन विभाग ने त्वरित कार्रवाई करते हुए डॉग स्क्वाड और फॉरेंसिक जांच के आधार पर दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। प्रकरण में वन्यजीव संरक्षण अधिनियम सहित गंभीर धाराओं के तहत अपराध दर्ज किया गया है।
UNITED NEWS OF ASIA. कवर्धा | वनमंडल अंतर्गत वन परिक्षेत्र कवर्धा के बंजारी वृत्त स्थित धवईपानी परिसर के कक्ष क्रमांक आर.एफ.-47, ग्राम जामपानी में दो बायसन (गौर) मृत अवस्था में पाए जाने के मामले में वन विभाग ने त्वरित एवं प्रभावी कार्रवाई करते हुए पूरे प्रकरण का खुलासा कर दिया है। सूचना मिलते ही विभागीय अमला तत्काल मौके पर पहुंचा, क्षेत्र को सुरक्षित किया गया तथा जप्ती और जांच की विधिवत कार्यवाही प्रारंभ की गई।
प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए वन विभाग द्वारा दो आरोपियों के विरुद्ध वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की धारा 9, 2 सहपठित धारा 16 (क, ख, ग), धारा 20, 35, 39, 50, 51 एवं लोक संपत्ति निवारण नुकसान अधिनियम, 1984 की धारा 3 के अंतर्गत वन अपराध प्रकरण क्रमांक 21614/13 दिनांक 16.12.2025 पंजीबद्ध किया गया। इसके साथ ही वैधानिक कार्रवाई नियमानुसार प्रारंभ की गई।
जांच को सुदृढ़ बनाने के लिए तत्काल डॉग स्क्वाड की प्रशिक्षित टीम को घटनास्थल पर बुलाया गया। प्रशिक्षित श्वान की सटीक निशानदेही पर घटनास्थल से खूंटी सहित अन्य महत्वपूर्ण सामग्री जप्त की गई। वन विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की उपस्थिति में जिला पशु चिकित्सा विभाग तथा रायपुर से आई विशेषज्ञ फॉरेंसिक टीम द्वारा मृत दोनों बायसन के अंगों से वैज्ञानिक पद्धति से नमूने एकत्र किए गए, जिससे घटना के कारणों की पुष्टि की जा सके।
प्रकरण में विभागीय दायित्वों की समीक्षा करते हुए मुख्य वन संरक्षक, दुर्ग वृत्त, दुर्ग द्वारा परिक्षेत्र सहायक बंजारी ललित यादव तथा वनमंडलाधिकारी कवर्धा द्वारा परिसर रक्षक अनिल राजपूत को निलंबित किया गया है। यह कार्रवाई विभाग की पारदर्शिता और जवाबदेही को दर्शाती है।
डॉग स्क्वाड की निशानदेही पर कार्रवाई के दौरान टीम समीप स्थित एक संदिग्ध के घर तक पहुंची, जहां से जी.आई. तार, भुना हुआ मांस, सुअर का दांत, मोर का पैर सहित अन्य आपत्तिजनक सामग्री जप्त की गई। इसके पश्चात् आरोपी कुंवर सिंह बैगा एवं दशरू बैगा को गिरफ्तार कर विधिसम्मत कार्यवाही उपरांत माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।
पूछताछ में आरोपियों ने स्वीकार किया कि उन्होंने छोटे वन्यप्राणियों के शिकार हेतु विद्युत प्रवाहित तार बिछाया था, जिसकी चपेट में दुर्भाग्यवश बायसन आ गया। वन विभाग ने स्पष्ट किया है कि वन्यजीव संरक्षण कानूनों के तहत ऐसे कृत्य गंभीर अपराध हैं। वनमंडलाधिकारी कवर्धा ने क्षेत्रीय अमले को गश्त बढ़ाने, अवैध गतिविधियों पर सतत निगरानी रखने और सूचना तंत्र को मजबूत करने के निर्देश दिए हैं। विभाग भविष्य में भी वन्यजीव संरक्षण हेतु सख्त और निरंतर कार्रवाई के लिए प्रतिबद्ध है।