गाजियाबाद में 3.4 करोड़ की प्रतिबंधित कफ सिरप बरामद — अरब देशों तक सक्रिय अंतरराष्ट्रीय तस्करी गैंग का भंडाफोड़, 8 तस्कर गिरफ्तार
गाजियाबाद क्राइम ब्रांच ने सोनभद्र पुलिस की सूचना पर बड़ी कार्रवाई करते हुए 3.4 करोड़ रुपये मूल्य की प्रतिबंधित कफ सिरप एसकफ और फेंसेडिल बरामद की। छापेमारी में 8 तस्कर गिरफ्तार हुए। यह नेटवर्क भारत से लेकर बांग्लादेश और अरब देशों तक फैला था। दुबई से संचालित इस इंटरनेशनल गिरोह का सरगना मेरठ का आसिफ है, जबकि गिरोह का मास्टरमाइंड इंदिरापुरम निवासी सौरभ त्यागी बताया जा रहा है।
UNITED NEWS OF ASIA. गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में क्राइम ब्रांच ने सोमवार रात एक बड़ी कार्रवाई करते हुए प्रतिबंधित कफ सिरप की तस्करी करने वाले अंतरराष्ट्रीय गिरोह का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने मौके से करीब 3.4 करोड़ रुपये मूल्य की एसकफ और फेंसेडिल सिरप बरामद की है। इस कार्रवाई में आठ तस्करों को गिरफ्तार किया गया है जो भारत से लेकर बांग्लादेश और अरब देशों तक फैले एक संगठित तस्करी नेटवर्क से जुड़े हुए हैं।
क्राइम ब्रांच की टीम ने सोनभद्र पुलिस के साथ संयुक्त अभियान चलाकर मेरठ रोड स्थित मछली गोदाम में छापेमारी की। छापे के दौरान पुलिस ने चार ट्रक, एक कार, 20 लाख रुपये नकद, दो लैपटॉप, दस मोबाइल फोन, फर्जी सिम कार्ड और दस्तावेज बरामद किए।
एडिशनल सीपी (अपराध एवं मुख्यालय) केशव कुमार चौधरी ने बताया कि यह नेटवर्क दिल्ली, मेरठ, वाराणसी और बांग्लादेश के माध्यम से अरब देशों तक फैला हुआ था। यह तस्करी मुख्य रूप से प्रतिबंधित एसकफ और फेंसेडिल सिरप की थी, जिनका दुरुपयोग नशे के रूप में किया जाता है।
उन्होंने बताया कि गिरोह का संचालन मेरठ के गांव राधना निवासी आसिफ कर रहा था, जो फिलहाल दुबई से पूरे नेटवर्क को नियंत्रित कर रहा है। भारत में संचालन की जिम्मेदारी बनारस के शुभम जायसवाल के पास थी, जबकि मेरठ निवासी वसीम ट्रकों के जरिए कफ सिरप की खेप को भारत-बांग्लादेश सीमा तक पहुँचाने का काम करता था।
गिरोह का मास्टरमाइंड बताया जा रहा सौरभ त्यागी (निवासी इंदिरापुरम) है, जो पूरे कारोबार की फाइनेंसिंग और आपूर्ति श्रृंखला की निगरानी करता था। वहीं, गढ़ी माजरा निवासी संतोष भड़ाना ट्रांसपोर्टर के रूप में सक्रिय था। गिरफ्तार आरोपियों में इसके अलावा कैला भट्ठा का शादाब, कानपुर का शिवकांत, मेरठ का अंबुज कुमार, सुल्तानपुर का धर्मेंद्र कुमार, और टीकमगढ़ (मध्यप्रदेश) के दीपू व सुशील यादव शामिल हैं।
पुलिस जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि बरामद सिरप में से एसकफ का उत्पादन हिमाचल प्रदेश के पोंटा साहिब स्थित लेबोरेट फार्मा कंपनी द्वारा किया गया था, जबकि फेंसेड्रिल सिरप का उत्पादन हिमाचल के बद्दी स्थित एबॉट फार्मा कंपनी में हुआ था। हालांकि, दिसंबर 2024 में एबॉट कंपनी ने इस सिरप का उत्पादन बंद कर दिया था, लेकिन पुराना स्टॉक दिल्ली के गोदामों में छिपाकर रखा गया था, जो अब तस्करी के लिए इस्तेमाल हो रहा था।
पुलिस अब गिरोह के विदेशी नेटवर्क और धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) की कड़ी की भी जांच कर रही है। प्रारंभिक पूछताछ में आरोपियों ने स्वीकार किया है कि वे यह प्रतिबंधित सिरप ट्रकों के माध्यम से भारत से बांग्लादेश और अरब देशों में भेजते थे, जहाँ इसकी भारी मांग है।
गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट ने कहा कि यह कार्रवाई ड्रग्स तस्करी के खिलाफ चल रहे विशेष अभियान की एक बड़ी सफलता है। इस ऑपरेशन से नशे के कारोबार में शामिल कई बड़े नामों का पर्दाफाश होने की संभावना है। पुलिस ने जब्त माल को सुरक्षित रख लिया है और अब गिरोह के अंतरराष्ट्रीय संबंधों की गहराई से जांच की जा रही है
