बंद कमरे में 2 घंटे की मुलाकात: कैसे ट्रंप और जिनपिंग के बीच सुलह का रास्ता बना, चीन पर टैरिफ में 10% कटौती का ऐलान
साउथ कोरिया में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच दो घंटे की मुलाकात के बाद अमेरिका ने चीन पर टैरिफ में 10% की कटौती की घोषणा की है। इस बैठक में दोनों देशों ने कई अहम आर्थिक और रणनीतिक मुद्दों पर सहमति जताई। ट्रंप ने चीन के ताइवान मसले से दूरी बनाई, जबकि चीन ने अमेरिका को दुर्लभ खनिजों की आपूर्ति जारी रखने का भरोसा दिया।
UNITED NEWS OF ASIA.। दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं — अमेरिका और चीन — के बीच चली आ रही टैरिफ वॉर में अब कुछ नरमी के संकेत मिले हैं। साउथ कोरिया में हुई एक दो घंटे की गोपनीय बैठक में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच अहम सहमति बनी है। इस मुलाकात के बाद ट्रंप ने चीन पर लगाए गए टैरिफ में 10 प्रतिशत की कटौती की घोषणा कर वैश्विक बाजारों को राहत दी है।
ट्रंप और जिनपिंग की यह मुलाकात छह साल बाद हुई। इसे लेकर कूटनीतिक गलियारों में काफी उत्सुकता थी। बैठक में दोनों नेताओं ने व्यापार, सुरक्षा और तकनीकी प्रतिबंधों से जुड़े कई अहम मुद्दों पर चर्चा की। ट्रंप ने अपने बयान में कहा कि अमेरिका और चीन अब रूस-यूक्रेन युद्ध पर भी सहयोग की दिशा में काम करेंगे। उन्होंने अप्रैल 2026 में चीन यात्रा की घोषणा करते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच नई शुरुआत का यह अवसर है।
बैठक से पहले अमेरिका और चीन के बीच टैरिफ को लेकर तनाव बढ़ गया था। अमेरिका ने चीन से आयातित फेंटानिल पर टैरिफ 20% से घटाकर 10% कर दिया है। कुल अमेरिकी टैरिफ भी 57% से घटाकर 47% कर दिया गया। वहीं, चीन ने अमेरिका को आश्वासन दिया है कि वह दुर्लभ खनिज तत्वों (रेयर अर्थ मटेरियल) की आपूर्ति बिना बाधा के जारी रखेगा, जो इलेक्ट्रॉनिक्स और रक्षा उद्योग के लिए अहम हैं।
ट्रंप ने इस मुलाकात के दौरान चीन के ताइवान मुद्दे को नहीं उठाया, जिससे जिनपिंग प्रशासन ने इसे सकारात्मक संकेत माना। जवाब में चीन ने अमेरिका को सोयाबीन और अन्य कृषि उत्पादों के व्यापार में बढ़ावा देने का भरोसा दिया।
अमेरिका चीन के बढ़ते सैन्य प्रभाव और तकनीकी विस्तार को लेकर चिंतित रहा है। अमेरिकी प्रशासन ने एडवांस सेमीकंडक्टर और AI टेक्नोलॉजी से जुड़ी वस्तुओं के निर्यात पर अंकुश लगाया है। इसके बावजूद दोनों देशों के बीच यह बैठक सहयोग की नई संभावनाओं को जन्म देती है।
विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप-जिनपिंग मुलाकात से ट्रेड वार की आग ठंडी पड़ सकती है, जिससे वैश्विक अर्थव्यवस्था को राहत मिलेगी। आने वाले महीनों में यह देखना अहम होगा कि यह समझौता स्थायी शांति का संकेत है या केवल एक अस्थायी सीजफायर।
