विदेश मंत्री जयशंकर अगले सप्ताह कनाडा दौरे पर, G7 बैठक में होंगे शामिल — भारत-कनाडा रिश्तों में आएगा नया मोड़
भारत और कनाडा के रिश्तों में हाल के महीनों में बदलाव देखने को मिला है। इसी पृष्ठभूमि में विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर अगले सप्ताह कनाडा की यात्रा पर जाएंगे। जयशंकर 11-12 नवंबर को ओंटारियो के नियाग्रा क्षेत्र में होने वाली G7 विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेंगे। यह दौरा दोनों देशों के बीच बढ़ते कूटनीतिक संवाद और सहयोग का संकेत माना जा रहा है। इससे पहले कनाडा की विदेश मंत्री अनिता आनंद ने भारत का दौरा किया था, जिसके बाद ऊर्जा और विज्ञान-प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में साझेदारी को फिर से आगे बढ़ाने पर सहमति बनी थी।
UNITED NEWS OF ASIA. कनाडा | भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर अगले सप्ताह कनाडा की यात्रा पर जा रहे हैं। यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब भारत और कनाडा के बीच संबंधों में हाल के महीनों में सकारात्मक बदलाव देखा जा रहा है। जयशंकर 11-12 नवंबर को कनाडा के ओंटारियो स्थित नियाग्रा क्षेत्र में आयोजित होने वाली जी-7 विदेश मंत्रियों की महत्वपूर्ण बैठक में भाग लेंगे।
कनाडा इस वर्ष जी-7 समूह की अध्यक्षता कर रहा है और यह बैठक वैश्विक सुरक्षा, आर्थिक स्थिरता और अंतरराष्ट्रीय साझेदारी पर चर्चा के लिए अहम मानी जा रही है। भले ही भारत जी-7 समूह का स्थाई सदस्य नहीं है, लेकिन 2019 से वह इस मंच की बैठकों में आमंत्रित देश के रूप में भाग लेता आ रहा है।
इस यात्रा को भारत-कनाडा संबंध सुधार के महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है। पिछले महीने कनाडा की विदेश मंत्री अनिता आनंद ने नई दिल्ली का दौरा किया था, जहां उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी — जो किसी विदेशी मंत्री के लिए एक विशेष अवसर माना जाता है। दोनों देशों ने ऊर्जा साझेदारी और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी सहयोग समिति को पुनर्जीवित करने की घोषणा की थी।
भारत और कनाडा संबंध 2023-24 में उस समय तनावपूर्ण हो गए थे जब कनाडा के तत्कालीन प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले में भारत पर आरोप लगाए थे। भारत ने इन आरोपों को अस्वीकार करते हुए इसे निराधार बताया था। इसके बाद दोनों देशों के बीच कूटनीतिक तनाव बढ़ गया था।
लेकिन कनाडा में सत्ता परिवर्तन के बाद स्थिति तेजी से बदलने लगी। नए प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने चुनाव अभियान के दौरान भारत के साथ रिश्ता सुधारने को प्राथमिकता देने का वादा किया था। मई में जयशंकर और कनाडा की विदेश मंत्री के बीच हुई महत्वपूर्ण बातचीत ने रिश्तों में सुधार के नए अध्याय की शुरुआत की। इसके बाद दोनों देशों ने उच्चायुक्तों की पुनर्नियुक्ति और सुरक्षा संवाद जैसी गतिविधियाँ फिर शुरू कीं।
विशेषज्ञों का मानना है कि जयशंकर की आगामी यात्रा संबंधों को मजबूत करने और नए आर्थिक एवं रणनीतिक अवसरों को बढ़ावा देने की दिशा में अहम साबित हो सकती है।
