ईरान का बड़ा ऐलान: फिर से बनेगा न्यूक्लियर प्लांट, ट्रंप और नेतन्याहू की मुश्किलें बढ़ीं

अमेरिकी हमले के बाद ईरान ने अपने नष्ट हुए परमाणु संयंत्रों को दोबारा बनाने का ऐलान किया है। राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियन ने कहा कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम जनता की भलाई और मेडिकल रिसर्च के लिए है। यह कदम अमेरिका और इजराइल के लिए नई चुनौती बन सकता है।

Nov 2, 2025 - 16:52
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ईरान का बड़ा ऐलान: फिर से बनेगा न्यूक्लियर प्लांट, ट्रंप और नेतन्याहू की मुश्किलें बढ़ीं

UNITED NEWS OF ASIA. तेहरान। ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियन ने रविवार को ऐलान किया कि उनका देश अपने नष्ट हुए परमाणु संयंत्रों को दोबारा बनाएगा और उन्हें पहले से अधिक मजबूत रूप में खड़ा करेगा। यह घोषणा ऐसे समय आई है जब अमेरिका और इजराइल ने हाल के महीनों में ईरान की परमाणु महत्वाकांक्षाओं को लेकर कड़े रुख अपनाए हैं।

तेहरान स्थित एटॉमिक एनर्जी ऑर्गनाइजेशन का दौरा करते हुए राष्ट्रपति पेजेश्कियन ने कहा कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम शुद्ध रूप से नागरिक उद्देश्यों के लिए है। उन्होंने कहा, “हमारा उद्देश्य हथियार बनाना नहीं, बल्कि ऊर्जा, चिकित्सा और जनकल्याण से जुड़ा है। इमारतें गिराने से हमारे इरादे नहीं टूटेंगे, हम उन्हें और मजबूत बनाकर खड़ा करेंगे।”

अमेरिका ने जून 2025 में अपने B2 स्टेल्थ बॉम्बर्स से ईरान के कई न्यूक्लियर ठिकानों पर हमले किए थे। उस समय डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया था कि “ईरान अब कभी दोबारा इन्हें बनाने की सोच भी नहीं पाएगा।” लेकिन ईरान का यह ऐलान वॉशिंगटन और तेल अवीव दोनों के लिए नई चुनौती बन गया है।

सूत्रों के अनुसार, ईरान ने “रीबिल्ड विथ रेजिस्टेंस” नामक नई नीति शुरू की है जिसके तहत वह अपने परमाणु संयंत्रों को आधुनिक और आत्मनिर्भर तकनीक से फिर से तैयार कर रहा है। इससे विदेशी दबाव और भविष्य के हमलों का खतरा कम किया जा सकेगा।

विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम अमेरिका-ईरान के बीच पहले से तनावपूर्ण रिश्तों को और अधिक जटिल बना सकता है। हालांकि ईरान ने साफ कहा है कि उसका पूरा परमाणु कार्यक्रम IAEA के नियमों के तहत और पूरी पारदर्शिता के साथ चल रहा है।