छठी मईया का अपमान करने वालों को जनता देगी जवाब: राहुल गांधी पर पीएम मोदी का बड़ा हमला
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार में आयोजित जनसभा में कांग्रेस और आरजेडी पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि छठी मईया की पूजा को ‘ड्रामा और नौटंकी’ बताना हिंदू आस्था का अपमान है। पीएम मोदी ने राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए कहा कि वोट पाने के लिए कांग्रेस ने बिहार की संस्कृति और मातृशक्ति का अपमान किया है, जिसे जनता बर्दाश्त नहीं करेगी। उन्होंने आरजेडी-कांग्रेस के ‘जंगलराज’ को कट्टा, क्रूरता, कटुता, कुशासन और करप्शन की संज्ञा दी।
UNITED NEWS OF ASIA. नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार में आयोजित एक जनसभा के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी और आरजेडी पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने कहा कि छठ महापर्व भारतीय संस्कृति और आस्था का प्रतीक है, और इस पर्व को ‘ड्रामा और नौटंकी’ बताने वाले नेताओं ने बिहार की मातृशक्ति का गहरा अपमान किया है। पीएम मोदी ने जनता से अपील की कि ऐसे लोगों को चुनाव में सख्त सजा दी जाए।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “जो महिलाएं निर्जला उपवास रखकर गंगा में खड़ी होकर सूर्यदेव को अर्घ्य देती हैं, उन्हें ड्रामा करने वाली कहा जा रहा है। क्या बिहार की बेटियां और माताएं इसे बर्दाश्त करेंगी? जो छठी मईया की भक्ति को नौटंकी बताते हैं, वे बिहार की संस्कृति को नहीं समझते।”
पीएम मोदी ने आगे कहा कि उनका बेटा छठी मईया की जय-जयकार दुनिया में करा रहा है, जबकि कांग्रेस और आरजेडी के नेता उसी छठी मईया का अपमान कर रहे हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या केवल वोट पाने के लिए कोई इस तरह आस्था का अपमान कर सकता है?
मोदी ने बिहार की पिछली सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि आरजेडी-कांग्रेस की पहचान “कट्टा, क्रूरता, कटुता, कुशासन और करप्शन” से जुड़ी रही है। उन्होंने कहा कि यही जंगलराज की असली परिभाषा है — जहां कानून कमजोर हो, भ्रष्टाचार बढ़े और गरीबों का हक छीना जाए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि बिहार को अब विकास और उद्यम की दिशा में आगे बढ़ना है। इसके लिए उद्योग, बिजली, कनेक्टिविटी और कानून का राज जरूरी है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि जिनका इतिहास जमीन कब्जाने और घोटालों से भरा है, वे कभी विकास नहीं कर सकते।
छठ पर्व की महत्ता पर बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि “छठी मईया की पूजा हमारी समता, ममता और सामाजिक समरसता की प्रतीक है। यह हमारी साझा विरासत का उत्सव है, और हमारी सरकार का प्रयास है कि पूरी दुनिया भारत की इस परंपरा से प्रेरणा ले।”
पीएम मोदी का यह भाषण न केवल धार्मिक आस्था का बचाव था, बल्कि बिहार चुनाव से पहले कांग्रेस और आरजेडी पर तीखा राजनीतिक हमला भी माना जा रहा है।
