MA तक पढ़ा, फिर अपराधी बन गया बलराम ठाकुर: 50,000 रुपये का इनामी गैंगस्टर गाजियाबाद पुलिस की मुठभेड़ में ढेर
बुलंदशहर निवासी गैंगस्टर और 50,000 रुपये का इनामी बलराम ठाकुर गाजियाबाद पुलिस की मुठभेड़ में ढेर हो गया। एमए तक पढ़ा बलराम ठाकुर अनिल दुजाना गैंग का सक्रिय सदस्य था और लूट, हत्या और रंगदारी जैसी गंभीर वारदातों में शामिल रहा।

UNITED NEWS OF ASIA. गाजियाबाद। बुलंदशहर के कुख्यात गैंगस्टर बलराम ठाकुर की मुठभेड़ में मौत हो गई। 50,000 रुपये का इनामी बलराम ठाकुर एमए तक पढ़ा-लिखा था, लेकिन अपराध की दुनिया में कदम रखते ही उसने पीछे मुड़कर नहीं देखा।
अपराध की दुनिया में कदम
बलराम ठाकुर कुख्यात अनिल दुजाना गैंग का सक्रिय सदस्य था। उसने लूट, हत्या, रंगदारी और फिरौती जैसी गंभीर वारदातों को अंजाम दिया। उसका नाम वेस्ट यूपी में डर और खौफ के साथ लिया जाता था।
अपराध की शुरुआत:
बलराम ठाकुर ने अपराध की राह तब अपनाई जब उसके ससुराल वालों ने उसकी बहन की पिटाई की। गुस्से में उसने अपने साले पर हमला किया और जेल चला गया। जेल में उसने कुख्यात अपराधियों से संपर्क बनाया और अपराध को जीवन का मकसद बना लिया।
गंभीर आपराधिक इतिहास:
बलराम ठाकुर पर 40 से अधिक मामले दर्ज हैं। इनमें हत्या, लूट, चोरी, गैंगस्टर एक्ट, एनडीपीएस और आर्म्स एक्ट जैसे गंभीर अपराध शामिल हैं। ये मामले बुलंदशहर, गौतमबुद्धनगर, अलीगढ़, हापुड़ और नोएडा के विभिन्न थाना क्षेत्रों से जुड़े हैं।
ट्रांसपोर्टर का अपहरण और फिरौती:
कुछ माह पहले बलराम ने मसूरी इलाके के ट्रांसपोर्टर शादाब को अगवा किया था। उसने 25 लाख रुपये की रंगदारी मांगी। रकम न मिलने पर ट्रांसपोर्टर को बंधक बनाकर दो लाख रुपये और लाखों के गहने लेकर छोड़ा गया। पीड़ित ने मसूरी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई।
परिवार और घर:
बलराम के छोटे भाई नीरज और मां श्रमवती जहांगीराबाद में रहते हैं। भाई गाड़ी चलाता है। मुठभेड़ की खबर मिलते ही वह गाजियाबाद के लिए रवाना हो गया। घर पर मां अकेली हैं।
गाजियाबाद पुलिस की यह कार्रवाई वेस्ट यूपी में अपराधियों के लिए चेतावनी के रूप में देखी जा रही है।