हाईकोर्ट अधिवक्ता राहुल अग्रवाल की संदिग्ध मौत पर मचा बवाल, वकीलों ने की एसआईटी जांच की मांग
बिलासपुर में हाईकोर्ट अधिवक्ता राहुल अग्रवाल की संदिग्ध मौत का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। पुलिस ने इसे आत्महत्या बताया था, लेकिन परिवार और वकीलों ने हत्या की आशंका जताई है। सीनियर एडवोकेट्स ने कलेक्टर से मिलकर एसआईटी जांच की मांग की है।
UNITED NEWS OF ASIA. बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के अधिवक्ता राहुल अग्रवाल की संदिग्ध मौत के मामले ने अब नया मोड़ ले लिया है। रामसेतु पुल के नीचे तीन दिन पहले मिली अधिवक्ता की लाश के बाद से ही पूरे अधिवक्ता समुदाय में आक्रोश फैल गया है। जहां पुलिस ने प्रारंभिक जांच में इसे प्रेम प्रसंग से जुड़ा आत्महत्या का मामला बताया था, वहीं परिजन और हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने इसे संदिग्ध मानते हुए एसआईटी जांच की मांग उठाई है।
जानकारी के अनुसार, भाटापारा निवासी 32 वर्षीय राहुल अग्रवाल पिछले सात वर्षों से छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में प्रैक्टिस कर रहे थे। बीते शुक्रवार की शाम वे अपने कुछ दोस्तों के साथ घूमने निकले थे, लेकिन रात तक घर नहीं लौटे। परिजनों ने देर रात सिविल लाइन थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। अगले दिन सुबह स्थानीय युवकों ने रामसेतु पुल के नीचे नदी में तैरती हुई लाश देखी, जिसकी पहचान राहुल अग्रवाल के रूप में हुई।
पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया और प्रारंभिक रिपोर्ट में आत्महत्या की आशंका जताई। हालांकि, मृतक के परिजनों का आरोप है कि राहुल मानसिक रूप से बिल्कुल स्वस्थ थे और किसी भी तरह के तनाव में नहीं थे। उनका कहना है कि यह एक सोची-समझी साजिश के तहत की गई हत्या हो सकती है।
घटना के तीसरे दिन हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ताओं का एक प्रतिनिधिमंडल बिलासपुर कलेक्टर से मिला और मामले की निष्पक्ष जांच के लिए विशेष जांच टीम (SIT) गठित करने की मांग की। कलेक्टर ने उन्हें एसएसपी से चर्चा कर आवश्यक कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
अधिवक्ता संघ के सदस्यों का कहना है कि जब तक मामले की गहन जांच नहीं होती, तब तक वे न्यायालय परिसर में सांकेतिक विरोध जारी रखेंगे।
वहीं पुलिस का कहना है कि घटनास्थल से मिले साक्ष्यों और मोबाइल डेटा के आधार पर जांच की जा रही है।
फिलहाल, यह मामला बिलासपुर के कानूनी और प्रशासनिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है। परिवार और वकील दोनों ही पक्ष इसे आत्महत्या नहीं, बल्कि हत्या मान रहे हैं और न्याय की मांग पर अडिग हैं।
