राहुल गांधी का आरोप – “बीजेपी लोकसभा की तरह बिहार चुनाव भी चोरी करना चाहती है”
भागलपुर में जनसभा के दौरान राहुल गांधी ने बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि जैसे लोकसभा, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के चुनावों में गड़बड़ी की गई, वैसे ही बिहार में भी चुनाव चोरी की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि लाखों मतदाताओं के नाम जानबूझकर वोटर लिस्ट से हटाए गए हैं। राहुल गांधी ने युवाओं से लोकतंत्र की रक्षा के लिए आगे आने की अपील की।
UNITED NEWS OF ASIA. भागलपुर/बिहार। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को भागलपुर में आयोजित एक विशाल जनसभा में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि बीजेपी लोकतंत्र को कमजोर करने की कोशिश कर रही है और बिहार का चुनाव भी “चोरी” करने की योजना बना रही है।
राहुल गांधी ने कहा,
“मैंने सबूतों के साथ कहा था कि इन्होंने लोकसभा चुनाव में चोरी की। महाराष्ट्र में चोरी की, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भी की। अब इनकी पूरी कोशिश है कि बिहार का चुनाव भी चोरी करके ले जाएं।”
उन्होंने दावा किया कि बिहार में मतदाता सूची के साथ बड़े पैमाने पर छेड़छाड़ की गई है।
“लाखों कांग्रेस और महागठबंधन समर्थकों के नाम वोटर लिस्ट से हटा दिए गए हैं, जबकि फर्जी मतदाताओं को जोड़ा गया है। हमने बार-बार पूरी वोटर लिस्ट मांगी, लेकिन हमें दी नहीं गई,” राहुल गांधी ने कहा।
विपक्ष के नेता ने हरियाणा का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां “जनादेश चोरी” किया गया, लेकिन बिहार में ऐसा नहीं होगा।
“हरियाणा में चुनाव चोरी हुआ, लेकिन बिहार में जनता ऐसा नहीं होने देगी। बिहार का युवा, जनरेशन Z, अपने वोट की रक्षा करेगा,” उन्होंने कहा।
राहुल गांधी ने युवाओं से लोकतंत्र की रक्षा के लिए आगे आने की अपील की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और महागठबंधन का लक्ष्य केवल सत्ता प्राप्त करना नहीं, बल्कि लोकतंत्र को बचाना है।
“देश का भविष्य युवा तय करेगा। बिहार के युवक-युवतियां ईमानदारी और सच्चाई की जीत सुनिश्चित करेंगे,” राहुल गांधी ने कहा।
सभा में महागठबंधन समर्थकों की भारी भीड़ उमड़ी, जिससे कार्यकर्ताओं में नया उत्साह देखने को मिला। राहुल गांधी ने कहा कि बिहार की जनता डबल इंजन सरकार से निराश है और अब बदलाव चाहती है।
सभा के अंत में उन्होंने कहा —
“अब बिहार की जनता ने ठान लिया है — अब चोरी नहीं, अब बदलाव होगा।”
राहुल गांधी की इस सभा के बाद महागठबंधन के प्रचार अभियान को नया बल मिला है। बिहार की सियासत में अब यह मुद्दा केंद्र में आ गया है कि क्या चुनावी प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष रह पाएगी।
