नारायणपुर में फूड पॉइजनिंग से 6 दिन में 5 ग्रामीणों की मौत, गांव में मचा हड़कंप
छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले के डूंगा गांव में फूड पॉइजनिंग से 6 दिन के भीतर 5 ग्रामीणों की मौत हो गई है। मरने वालों में 2 महिलाएं और 3 पुरुष शामिल हैं। स्वास्थ्य विभाग ने गांव में मेडिकल कैंप लगाकर निगरानी बढ़ा दी है। प्रारंभिक जांच में भैंस का सूखा मांस खाने से तबीयत बिगड़ने की पुष्टि हुई है।
UNITED NEWS OF ASIA. नारायणपुर। छत्तीसगढ़ के आदिवासी बहुल नारायणपुर जिले से एक दर्दनाक खबर सामने आई है। जिले के ग्राम डूंगा (घोटा पारा) में फूड पॉइजनिंग के चलते बीते 6 दिनों में 5 ग्रामीणों की मौत हो गई है। इस घटना से पूरे गांव में दहशत का माहौल है। मृतकों में 2 महिलाएं और 3 पुरुष शामिल हैं। ग्रामीणों में उल्टी-दस्त और तेज बुखार जैसी शिकायतें सामने आई थीं, जिसके बाद एक-एक कर 5 लोगों की जान चली गई।
घटना की गंभीरता को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की टीम तुरंत गांव पहुंची और प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए गांव के स्कूल भवन में मेडिकल कैंप लगाया गया। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) नारायणपुर की रिपोर्ट के अनुसार, मौतें 14 से 20 अक्टूबर के बीच हुई हैं।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि अब तक 42 ग्रामीणों की जांच की जा चुकी है, जिनमें से 3 संदिग्ध मरीजों का इलाज जारी है। टीम लगातार गांव में मौजूद रहकर स्थिति पर नजर बनाए हुए है।
सूखा मांस बना मौत की वजह
जांच के दौरान जब स्वास्थ्य कर्मियों ने ग्रामीणों से पूछताछ की, तो सामने आया कि कई लोगों ने भैंस का सूखा मांस खाया था, जिसके बाद उनकी तबीयत बिगड़नी शुरू हुई। चिकित्सा अधिकारियों ने प्राथमिक जांच में पुष्टि की है कि इसी मांस के सेवन से फूड पॉइजनिंग हुई, जिससे ग्रामीणों की हालत गंभीर हुई।
स्वास्थ्य विभाग ने गांव में निगरानी बढ़ा दी है और सभी ग्रामीणों को चेताया गया है कि वे साफ पानी, ताजा भोजन और व्यक्तिगत स्वच्छता का पालन करें। अधिकारियों ने यह भी बताया कि अब स्थिति नियंत्रण में है और किसी नए मरीज की पुष्टि नहीं हुई है।
जिला प्रशासन की सख्ती
नारायणपुर जिला प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए खाद्य सुरक्षा दल को गांव में भेजा है ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके। स्वास्थ्य विभाग ने मृतकों के परिवारों से संपर्क कर उन्हें आवश्यक सहयोग देने की बात कही है।
यह घटना ग्रामीण क्षेत्रों में भोजन संरक्षण और स्वच्छता की कमी पर एक बड़ा सवाल खड़ा करती है। फिलहाल स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव में लगातार तैनात है और स्थिति सामान्य होने तक निगरानी जारी रखेगी।
