मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा: छत्तीसगढ़ में भगवान श्री राम का ननिहाल होना हम सभी का सौभाग्य

बालोद जिले के जामड़ी पाटेश्वर आश्रम में आयोजित शरद पूर्णिमा महोत्सव और श्रद्धांजलि सभा में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ की भूमि भगवान श्री राम का ननिहाल होने के कारण हमारे लिए सौभाग्य है। उन्होंने संत श्री रामकृष्ण दास महात्यागी एवं संत श्री राम जानकीदास महात्यागी को श्रद्धांजलि अर्पित की और राज्य में विकास कार्यों की जानकारी दी।

Oct 7, 2025 - 20:18
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मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा: छत्तीसगढ़ में भगवान श्री राम का ननिहाल होना हम सभी का सौभाग्य

UNITED NEWS OF ASIA. परस साहू, बालोद। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बालोद जिले के डौंडीलोहारा विकासखंड स्थित जामड़ी पाटेश्वर आश्रम में आयोजित शरद पूर्णिमा महोत्सव एवं श्रद्धांजलि सभा में कहा कि छत्तीसगढ़ की पुण्य भूमि माता कौशल्या की जन्मस्थली और भगवान श्री राम का ननिहाल होना हम सभी छत्तीसगढ़ वासियों का सौभाग्य है।

मुख्यमंत्री साय ने केबीनेट मंत्री रामविचार नेताम, वन मंत्री केदार कश्यप और सांसद भोजराज नाग के साथ संत  रामकृष्ण दास महात्यागी एवं संत राम जानकीदास महात्यागी को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की और राज्य की सुख-समृद्धि की कामना की। उन्होंने आश्रम में स्थित समाधि स्थल पर पूजा-अर्चना कर पुष्पांजलि अर्पित की।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ की पावन धरा और भगवान रामचंद्र के संबंध पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भगवान  राम ने अपने 14 वर्ष के वनवास में अधिकांश समय छत्तीसगढ़ में व्यतीत किया। उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में 19-20 महीने के अपने कार्यकाल में हुए उल्लेखनीय विकास कार्यों की जानकारी दी और कहा कि मोदी की गारंटी के तहत किए गए वादे पूरे कर राज्य को विकसित और सुख-समृद्ध बनाने की दिशा में लगातार कार्य किया जा रहा है।

संत श्री राम बालकदास महात्यागी ने मचान वाले बाबा के नाम से विख्यात संत श्री रामकृष्ण दास महात्यागी के वनवासी क्षेत्र के लोगों के लिए किए गए योगदान का वर्णन करते हुए आश्रम और माता कौशल्या मंदिर की विशेषता पर प्रकाश डाला। उन्होंने मुख्यमंत्री श्री साय के प्रति आश्रम और संतों के प्रति उनके गहरे अनुराग की सराहना की।

कार्यक्रम में रायपुर उत्तर के विधायक, जिला पंचायत अध्यक्ष, पूर्व सदस्य, जनप्रतिनिधि, पुलिस एवं वन विभाग के अधिकारी और बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। इस भव्य आयोजन ने छत्तीसगढ़वासियों में सांस्कृतिक गौरव और धार्मिक चेतना को मजबूत किया।