‘14 नवंबर को महागठबंधन का सफाया तय’ — बिहार में गरजे अमित शाह, राहुल गांधी पर बोला तीखा हमला

बिहार में विधानसभा चुनावी माहौल चरम पर है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लखीसराय में जनसभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी और महागठबंधन पर तीखा हमला बोला। शाह ने कहा कि 14 नवंबर को महागठबंधन का सफाया तय है। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुजफ्फरपुर में रैली कर रहे हैं, जबकि राहुल गांधी, तेजस्वी यादव और प्रशांत किशोर भी बिहार के अलग-अलग जिलों में मतदाताओं को लुभाने में जुटे हैं।

Oct 30, 2025 - 13:34
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‘14 नवंबर को महागठबंधन का सफाया तय’ — बिहार में गरजे अमित शाह, राहुल गांधी पर बोला तीखा हमला

UNITED NEWS OF ASIA. पटना। बिहार विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, राज्य का राजनीतिक पारा लगातार चढ़ता जा रहा है। सभी प्रमुख दलों ने अपने स्टार प्रचारकों को मैदान में उतार दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, राजद के तेजस्वी यादव और प्रशांत किशोर — सभी अलग-अलग जिलों में जनसभाएं कर रहे हैं।

लखीसराय में अमित शाह का हमला
लखीसराय में आयोजित जनसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने महागठबंधन और राहुल गांधी पर करारा प्रहार किया। शाह ने कहा, “14 नवंबर को बिहार की जनता महागठबंधन का सफाया कर देगी। राहुल गांधी और तेजस्वी यादव का गठबंधन सिर्फ कुर्सी की राजनीति कर रहा है, जनता के विकास से इसका कोई लेना-देना नहीं है।” उन्होंने कहा कि बिहार को जंगलराज से निकालने का श्रेय प्रधानमंत्री मोदी को जाता है और अब राज्य में फिर से भाजपा की बहुमत वाली सरकार बनेगी।

पीएम मोदी की मुजफ्फरपुर रैली में उमड़ा जनसैलाब
इधर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुजफ्फरपुर के मोतीपुर चीनी मिल मैदान से चुनावी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य की डबल इंजन सरकार ने बिहार में विकास की गति बढ़ाई है। मोदी ने वैशाली, केसरिया और पिपरा विधानसभा सीटों के मतदाताओं से भाजपा उम्मीदवारों के समर्थन की अपील की।

महागठबंधन की कोशिशें भी तेज
दूसरी ओर, कांग्रेस नेता राहुल गांधी आज नालंदा और शेखपुरा में जनसभाएं कर रहे हैं, जहां वे भाजपा पर हमले बोलते हुए बेरोजगारी और महंगाई के मुद्दे उठा रहे हैं। राजद नेता तेजस्वी यादव और मुकेश सहनी दरभंगा में संयुक्त जनसभा कर रहे हैं, जबकि प्रशांत किशोर भी दरभंगा में रोड शो निकाल रहे हैं।

राजनीतिक सरगर्मी चरम पर
छठ महापर्व के बाद से ही बिहार की राजनीतिक सरगर्मी चरम पर है। हर दल मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित करने में जुटा है। आगामी पहले चरण की वोटिंग से पहले प्रचार का शोर अपने चरम पर पहुंच गया है।
अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि बिहार की जनता किसके पक्ष में फैसला सुनाएगी — विकास की राजनीति या पुराने गठबंधन की वापसी?