अंबिकापुर में फीकल स्लज व प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन पर संभाग स्तरीय प्रशिक्षण आयोजित

स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत अंबिकापुर में फीकल स्लज मैनेजमेंट (FSM) और प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन (PWM) पर एक दिवसीय संभाग स्तरीय प्रशिक्षण आयोजित किया गया। इसमें पंचायत प्रतिनिधियों और अधिकारियों को वैज्ञानिक व सुरक्षित प्रबंधन की जानकारी दी गई।

Dec 14, 2025 - 11:36
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अंबिकापुर में फीकल स्लज व प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन पर संभाग स्तरीय प्रशिक्षण आयोजित

 UNITED NEWS OF ASIA. आकाश सोनकर,सरगुजा | अंबिकापुर स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के अंतर्गत स्वच्छता की स्थिरता को और अधिक सुदृढ़ करने के उद्देश्य से फीकल स्लज मैनेजमेंट (FSM) एवं प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन (PWM) विषय पर एक दिवसीय संभाग स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम कलेक्टर  विलास भोसकर के मार्गदर्शन तथा जिला पंचायत सीईओ  विनय कुमार अग्रवाल के नेतृत्व में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।

इस प्रशिक्षण में संभाग के सभी जिलों से FSM एवं PWM से जुड़ी ग्राम पंचायतों के सरपंच एवं सचिव, स्वच्छाग्राही समूह के अध्यक्ष व सचिव, साथ ही स्वच्छ भारत मिशन से जुड़े जिला एवं विकासखंड स्तर के अधिकारी-कर्मचारी शामिल हुए। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य ODF Plus स्थिति को बनाए रखने के साथ-साथ अपशिष्ट प्रबंधन की वैज्ञानिक और सुरक्षित प्रणाली को पंचायत स्तर तक प्रभावी रूप से लागू करना रहा।

प्रशिक्षण सत्र के दौरान राज्य सलाहकार डॉ. रूपेश राठौर एवं पुरुषोत्तम पंडा द्वारा विस्तृत प्रस्तुतीकरण के माध्यम से फीकल स्लज प्रबंधन की संपूर्ण प्रक्रिया की जानकारी दी गई। इसमें सेप्टिक टैंक एवं पिट से फीकल स्लज का संग्रह, सुरक्षित परिवहन, उपचार एवं वैज्ञानिक निस्तारण, डिस्लजिंग की चरणबद्ध प्रक्रिया, एफएसटीपी (ड्राइंग बेड) के संचालन, सुरक्षा मानकों, रिकॉर्ड संधारण एवं निगरानी तंत्र पर विस्तार से प्रकाश डाला गया।

प्रशिक्षण में यह भी बताया गया कि एक व्यवस्थित और सुदृढ़ FSM प्रणाली से न केवल पर्यावरण संरक्षण सुनिश्चित होता है, बल्कि जल स्रोतों के प्रदूषण को रोकने, जनस्वास्थ्य की सुरक्षा और ODF Plus की दीर्घकालिक स्थिरता बनाए रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसके साथ ही ग्राम पंचायतों की जिम्मेदारियों पर विशेष जोर दिया गया, जिसमें यूजर शुल्क का संग्रह, डिस्लजिंग वाहनों की नियमित निगरानी, सुरक्षित निस्तारण का सत्यापन तथा समुदाय में स्वच्छता के प्रति जागरूकता फैलाना शामिल है।

इस अवसर पर जिला पंचायत सीईओ विनय कुमार अग्रवाल ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि स्वच्छता को स्थायी बनाने के लिए प्रशिक्षण, तकनीकी दक्षता, सामुदायिक सहभागिता और निरंतर निगरानी अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने निर्देश दिए कि ग्राम पंचायत स्तर पर PWM एवं FSM का योजनाबद्ध, सुरक्षित और गुणवत्ता आधारित क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए, ताकि स्वच्छ भारत मिशन के लक्ष्यों को प्रभावी रूप से हासिल किया जा सके।