‘मोहन’ के मन में ‘मोहन’: भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति में रचे बसे हैं मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की एक तस्वीर, जिसमें वे श्रीकृष्ण रूपी बालक को गोद में लिए हैं, सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है। यह तस्वीर उनके जीवन और शासन में भगवान श्रीकृष्ण के प्रति उनकी गहरी आस्था को दर्शाती है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने श्रीकृष्ण से जुड़े धार्मिक, सांस्कृतिक और विकासात्मक कार्यों की श्रृंखला शुरू की है — जैसे श्रीकृष्ण पाथेय न्यास, गीता भवन निर्माण, मुख्यमंत्री वृंदावन ग्राम योजना और सांदीपनि स्कूलों की स्थापना। उनके निर्णयों और योजनाओं में कृष्ण भक्ति और भारतीय संस्कृति की झलक स्पष्ट दिखाई देती है।

Nov 3, 2025 - 12:13
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‘मोहन’ के मन में ‘मोहन’: भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति में रचे बसे हैं मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

UNITED NEWS OF ASIA. भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की भगवान श्रीकृष्ण के प्रति भक्ति अब उनके हर कार्य और निर्णय में झलकती है। हाल ही में 1 नवंबर को प्रदेश स्थापना दिवस के अवसर पर उनकी एक तस्वीर वायरल हुई, जिसमें वे श्रीकृष्ण का रूप धरे एक बालक को गोद में लिए नजर आए। तस्वीर में मुख्यमंत्री और बालक के बीच भावनात्मक संवाद जैसा दृश्य दिखाई देता है, मानो ‘मोहन’ के मन में स्वयं ‘मोहन’ बस गए हों।

डॉ. मोहन यादव ने अपने कार्यकाल में भगवान श्रीकृष्ण से जुड़े अनेक पहल की हैं। उन्होंने नवंबर 2024 में ‘श्रीकृष्ण पाथेय न्यास’ के गठन को मंजूरी दी, जो भगवान कृष्ण के मध्यप्रदेश प्रवास से जुड़े स्थलों के संरक्षण और विकास का कार्य करेगा। उन्होंने कहा था – “जहां-जहां श्रीकृष्ण के चरण पड़े, वे स्थल तीर्थ बनेंगे।”

गौसेवा के प्रति उनकी निष्ठा भी उल्लेखनीय है। उन्होंने गौशालाओं के लिए अनुदान राशि दोगुनी कर 40 रुपये प्रतिदिन कर दी और ‘राज्य स्तरीय गौशाला सम्मेलन’ में सिंगल क्लिक से राशि ट्रांसफर की। उनके निर्देश पर पशुपालन विभाग का नाम बदलकर ‘गौपालन विभाग’ करने की प्रक्रिया शुरू की गई।

डॉ. यादव ने श्रीमद् भगवद्गीता के प्रचार-प्रसार के लिए भी ऐतिहासिक कदम उठाया। 11 दिसंबर 2024 को गीता जयंती पर भोपाल में 7 हजार आचार्यों और बटुकों के साथ सामूहिक गीता पाठ कराया गया, जिसे गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में स्थान मिला। इसके साथ ही उन्होंने राज्य के 413 नगरीय निकायों में ‘गीता भवन’ निर्माण की घोषणा की, जिसकी अनुमानित लागत 2,875 करोड़ रुपये है।

कृष्ण-लीला से प्रेरित ‘मुख्यमंत्री वृंदावन ग्राम योजना’ के तहत हर गांव को आत्मनिर्भर और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध बनाने की योजना तैयार की गई है। वहीं, सीएम राइज स्कूलों का नाम बदलकर ‘सांदीपनि स्कूल’ रखकर उन्होंने शिक्षा को भारतीय संस्कृति से जोड़ा।

मुख्यमंत्री ने कृष्ण जन्माष्टमी और गोवर्धन पूजा को राजकीय स्तर पर मनाने की परंपरा शुरू की। भोपाल सहित प्रदेशभर में गोवर्धन पूजा को सरकारी अवकाश के रूप में मनाया गया। डॉ. यादव कहते हैं — “जहां गाय, वहां गोकुल; जो गाय की सेवा करे, वही गोपाल।”

इस तरह मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रशासन और संस्कृति का ऐसा संगम बनाया है, जिसमें शासन के हर निर्णय में ‘कृष्ण’ की आभा दिखाई देती है।