बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने आदर्श विद्यालय में धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघन पर लिया संज्ञान
बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने रायपुर के मोवा स्थित आदर्श विद्यालय में छात्रों की धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघन के प्रकरण को गंभीरता से लिया। आयोग ने विद्यालय प्रबंधन को 13 अक्टूबर 2025 को लिखित प्रतिवेदन सहित उपस्थित होने का निर्देश दिया।

UNITED NEWS OF ASIA. अमृतेश्वर सिंह, रायपुर| रायपुर जिले के मोवा स्थित आदर्श विद्यालय में छात्रों की कलाइयों में बंधे कलावा और माथे पर टीका लगाने से रोकने के संदर्भ में बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने संज्ञान लिया है। यह प्रकरण बच्चों की धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकारों के उल्लंघन से जुड़ा हुआ माना जा रहा है।
बाल आयोग की अध्यक्ष डॉ. वर्णिका शर्मा ने कहा कि यह कृत्य बच्चों के धार्मिक, सामाजिक और मानसिक स्वतंत्रता के अधिकारों का उल्लंघन प्रतीत होता है, जो कि भारतीय संविधान द्वारा प्रदत्त मौलिक अधिकारों के अंतर्गत आता है।
आयोग ने प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए बालक अधिकार संरक्षण अधिनियम, 2005 की धारा 13 (ज) एवं धारा 14 के तहत विद्यालय प्रबंधन को निर्देशित किया है कि वे 13 अक्टूबर 2025 को आयोग कार्यालय में लिखित प्रतिवेदन के साथ व्यक्तिगत रूप से उपस्थित हों।
बाल अधिकार संरक्षण आयोग बच्चों के हितों और उनके संवैधानिक अधिकारों की रक्षा हेतु प्रतिबद्ध है और किसी भी ऐसे कार्य के विरुद्ध आवश्यक कार्रवाई करने के लिए संकल्पित है, जो बच्चों की धार्मिक, सामाजिक या मानसिक स्वतंत्रता को बाधित करता हो।
इस कदम से आयोग ने स्पष्ट किया है कि बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा और उनकी स्वतंत्रता सुनिश्चित करना सर्वोच्च प्राथमिकता है।