अर्चना चिटनिस ने किसानों की बात मुख्यमंत्री मोहन यादव से कराई, धरना प्रदर्शन हुआ समाप्त

बुरहानपुर में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना सहित कृषि समस्याओं को लेकर चल रहे किसानों के धरना प्रदर्शन के दौरान पूर्व मंत्री अर्चना चिटनिस ने किसानों से मुलाकात की और मुख्यमंत्री मोहन यादव से सीधे बात कराई। मुख्यमंत्री ने किसानों की मांगों पर सकारात्मक रुख दिखाया, जिसके बाद किसानों ने धरना समाप्त किया।

Oct 25, 2025 - 17:58
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अर्चना चिटनिस ने किसानों की बात मुख्यमंत्री मोहन यादव से कराई, धरना प्रदर्शन हुआ समाप्त

UNITED NEWS OF ASIA. महेश किनगे, बुरहानपुर । प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना सहित अन्य कृषि समस्याओं को लेकर चल रहे किसानों के धरना प्रदर्शन का समाधान शनिवार को निकल आया। बुरहानपुर विधायक एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस (दीदी) किसानों के बीच पहुंचीं और उनकी समस्याओं को ध्यानपूर्वक सुनते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से सीधे फोन पर बात कराई।

 

मुख्यमंत्री ने किसानों की पीड़ा को समझते हुए सभी मांगों पर शीघ्र निर्णय लेने का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री से हुई इस चर्चा के बाद किसानों ने अपना धरना प्रदर्शन समाप्त करने की घोषणा की।

इस मौके पर सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल, नेपानगर विधायक मंजू दादू, भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ. मनोज माने सहित अनेक जनप्रतिनिधि और भाजपा पदाधिकारी उपस्थित रहे।

श्रीमती अर्चना चिटनिस ने बताया कि किसानों की मांगों को लेकर सरकार तीन प्रमुख दिशाओं में कार्य कर रही है।

  1. फसल बीमा नियम के अनुसार अनिवार्य ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन (AWS) की स्वीकृति आगामी कैबिनेट बैठक में कराई जाएगी।

  2. इसके बाद उद्यानिकी फसलों के बीमा के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

  3. इस बीच राजस्व एवं उद्यानिकी विभाग मिलकर आरबीसी 6/4 के तहत नुकसान का आकलन कर किसानों को उचित मुआवजा दिलाएंगे।

उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश सरकार केले की खेती को लेकर संवेदनशील है। पहले जहां 1 लाख रुपए तक का मुआवजा तय था, अब इसे बढ़ाकर 2 लाख रुपए किया गया है और अधिकतम सीमा (कैप) को 6 लाख रुपए तक बढ़ाया गया है।

अर्चना चिटनिस ने कहा कि “हमारी सरकार किसान हितैषी सरकार है। किसानों के अधिकार, सम्मान और स्वाभिमान की रक्षा करना हमारा संकल्प है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना किसानों के हितों की सुरक्षा का मजबूत कवच है।”

इस संवाद और समाधान के बाद किसानों ने सरकार के प्रति विश्वास जताते हुए शांतिपूर्वक अपना आंदोलन समाप्त किया।