पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने विजयदशमी पर किया रावणदहन, कहा – रायपुर में हर घर राम का वास हो

पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने विजयदशमी पर रायपुर के विभिन्न क्षेत्रों में आयोजित रावणदहन, रामलीला और रामकथा कार्यक्रमों में शामिल होकर बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि रायपुर शहर में "हर घर राम, घर-घर राम" का वास होना चाहिए। उपाध्याय ने कोटा, मोहबा बाजार, हीरापुर, खमतराई, गुढ़ियारी और लाखेनगर चौक में आयोजित कार्यक्रमों में भाग लेकर विजय ध्वज लहराया और समाज में धर्म, वीरता और मर्यादा के मूल्यों को स्थापित करने का आह्वान किया।

Oct 4, 2025 - 12:00
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पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने विजयदशमी पर किया रावणदहन, कहा – रायपुर में हर घर राम का वास हो

UNITED NEWS OF ASIA. अमृतेश्वर सिंह, रायपुर। विजयदशमी के पावन अवसर पर राजधानी रायपुर में दशहरा उत्सव का आयोजन भव्यता और श्रद्धा के साथ किया गया, जिसमें पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने कई स्थानों पर आयोजित रामलीला, रामकथा और रावणदहन कार्यक्रमों में सम्मिलित होकर लोगों को बधाई और शुभकामनाएं दीं।

उपाध्याय ने कहा कि दशहरा बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है और इस अवसर पर हमें संकल्प लेना चाहिए कि हम समाज में धर्म, सत्य और मर्यादा के मार्ग पर चलें। उन्होंने कहा, “मेरी इच्छा है कि रायपुर शहर में हर घर राम, घर-घर राम का वास हो। इसी उद्देश्य से हमने विजय ध्वज फहराकर अभियान की शुरुआत की है ताकि हर मंदिर और धार्मिक स्थल पर श्रीराम की विजय पताका लहराए।”

विकास उपाध्याय ने विजयदशमी के दिन रायपुर के कोटा, मोहबा बाजार, हीरापुर, खमतराई, गुढ़ियारी और लाखेनगर चौक जैसे कई क्षेत्रों में जाकर रावणदहन और रामलीला में भाग लिया। उन्होंने स्वयं अपने हाथों से रावणदहन किया और श्रद्धालुओं के साथ विजयदशमी के इस पर्व को हर्षोल्लास के साथ मनाया।

उन्होंने कहा, “भारतीय संस्कृति वीरता की पूजक और धैर्य की उपासक है। जब युद्ध अनिवार्य हो तो शत्रु के आक्रमण का इंतजार न कर स्वयं पहल कर उसका पराभव करना ही कुशल राजनीति है। रोग और शत्रु को निर्माण होते ही समाप्त कर देना चाहिए, वरना उन पर नियंत्रण पाना कठिन हो जाता है।”

पूर्व विधायक ने नवरात्रि के नौ दिनों तक मां जगदंबा की आराधना के बाद दशहरा पर्व पर बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश देते हुए कहा कि वह हमेशा समाज और क्षेत्र की सेवा में तत्पर रहेंगे। उन्होंने मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की शिक्षाओं को जन-जन तक पहुंचाने और रायपुर को धर्म, संस्कृति और मर्यादा का केंद्र बनाने का आह्वान किया।

दशहरा उत्सव में विकास उपाध्याय की मौजूदगी और उनके प्रेरणादायक संदेश से उपस्थित जनसमूह में धार्मिक उत्साह और सांस्कृतिक गर्व की भावना और भी प्रबल हो गई।