बालोद जिले में विशेष ग्राम सभाओं में पढ़ी जा रही एग्रीस्टैक डिजिटल फसल सर्वे सूची, किसान ले रहे हैं रकबे और फसल की सटीक जानकारी

बालोद जिले में एग्रीस्टैक परियोजना अंतर्गत खरीफ वर्ष 2025-26 के लिए डिजिटल फसल सर्वेक्षण की गिरदावरी सूची का विशेष ग्राम सभाओं में पठन किया जा रहा है। कलेक्टर दिव्या उमेश मिश्रा के निर्देश पर आयोजित इन सभाओं में ग्रामीण अपने खेतों के रकबे और फसल की सटीक जानकारी ले रहे हैं। सर्वे सूची ग्राम पंचायतों के सूचना पटल पर भी चस्पा की गई है। यह पहल किसानों को फसल ऋण, विशेषज्ञ सलाह और बाजार उपलब्ध कराने में मददगार साबित होगी।

Oct 4, 2025 - 11:49
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बालोद जिले में विशेष ग्राम सभाओं में पढ़ी जा रही एग्रीस्टैक डिजिटल फसल सर्वे सूची, किसान ले रहे हैं रकबे और फसल की सटीक जानकारी

UNITED NEWS OF ASIA. परस साहू, बालोद । छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी एग्रीस्टैक परियोजना के तहत खरीफ वर्ष 2025-26 के लिए किए गए डिजिटल फसल सर्वेक्षण की गिरदावरी सूची का पठन बालोद जिले के विभिन्न ग्राम पंचायतों में आयोजित विशेष ग्राम सभाओं में किया जा रहा है। कलेक्टर दिव्या उमेश मिश्रा के निर्देशानुसार जिले के सभी विकासखंडों में यह प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से संचालित की जा रही है।

ग्राम सभाओं में ग्रामीणों को उनके खेतों के रकबे और बोई गई फसल की जानकारी दी जा रही है। सर्वे सूची को ग्राम पंचायतों के सूचना पटल पर भी चस्पा किया गया है, जिसका किसान स्वयं अवलोकन कर अपनी भूमि और फसल का विवरण देख रहे हैं।

आज बालोद विकासखंड के बोड़की, देवारभाट, डौंडी ब्लॉक के बोरगांव, उकारी, डौंडीलोहारा के खैरा, तुमडीसुर, गहिरानवागांव, तथा गुरुर ब्लॉक के दुपचेरा, पीरीद, आड़ेझर ग्रामों में विशेष ग्राम सभाएं आयोजित की गईं, जहां डिजिटल क्रॉप सर्वे और मैनुअल गिरदावरी का पठन किया गया।

राज्य शासन द्वारा मोबाइल ऐप के माध्यम से रियल टाइम में किए गए इस सर्वे में खेत की भौगोलिक स्थिति के साथ फसल की तस्वीरें भी अपलोड की गई हैं। भू-नक्शों के जियो-रिफ्रेशिंग के बाद अब त्रुटिरहित सर्वेक्षण संभव हुआ है। इस पहल का मुख्य उद्देश्य किसानों की फसलों की सटीक तकनीकी जानकारी एकत्रित करना और कृषि योजनाओं के क्रियान्वयन में पारदर्शिता व दक्षता सुनिश्चित करना है।

एग्रीस्टैक पोर्टल में दर्ज इस विस्तृत डेटा से किसानों को फसल उत्पादकता बढ़ाने हेतु ऋण सुविधा, विशेषज्ञ सलाह और बाजार तक पहुंच जैसी कई सेवाएं आसानी से उपलब्ध कराई जा सकेंगी। इस अभिनव कदम से न केवल कृषि प्रबंधन में सुधार होगा बल्कि किसानों की आय और उत्पादन क्षमता में भी वृद्धि की उम्मीद है।