नांदी के रोजगार सहायक जितेंद्र भूरे का निधन, गांव में शोक की लहर

विकासखंड कटंगी की ग्राम पंचायत नांदी के रोजगार सहायक जितेंद्र भूरे का नागपुर में उपचार के दौरान निधन हो गया। अल्पायु में उनके असमय निधन से गांव में मातम पसरा है। रोजगार सहायकों ने कार्यभार और समय पर वेतन न मिलने को लेकर चिंता जताई।

Dec 25, 2025 - 12:43
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नांदी के रोजगार सहायक जितेंद्र भूरे का निधन, गांव में शोक की लहर

UNITED NEWS OF ASIA. पिंटू गुप्ता, कटंगी | विकासखंड कटंगी अंतर्गत ग्राम पंचायत नांदी के रोजगार सहायक जितेंद्र भूरे का अल्पायु में निधन हो गया। उनके आकस्मिक निधन से ग्राम नांदी सहित पूरे क्षेत्र में शोक की लहर फैल गई है। बताया गया कि जितेंद्र भूरे पिछले कुछ समय से लगातार अस्वस्थ चल रहे थे और नागपुर के एक निजी अस्पताल में उनका उपचार चल रहा था, जहां उपचार के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली।

बुधवार सुबह करीब 6 बजे उनका पार्थिव शरीर ग्राम नांदी लाया गया। जैसे ही यह दुखद समाचार गांव में पहुंचा, बड़ी संख्या में ग्रामीण, जनप्रतिनिधि और पंचायत कर्मी उनके अंतिम दर्शन के लिए एकत्रित हो गए। रोजगार सहायक के निधन से पूरे गांव में मातम छाया हुआ है। दोपहर लगभग ढाई बजे पूरे विधि-विधान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया।

जितेंद्र भूरे के निधन पर ग्रामीणों ने गहरा शोक व्यक्त करते हुए उन्हें एक कर्तव्यनिष्ठ और मिलनसार कर्मचारी बताया। ग्राम पंचायत सचिव संघ, रोजगार सहायक संघ एवं सरपंच संघ ने भी शोक संदेश जारी कर दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की और शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की।

इस दौरान रोजगार सहायकों ने एक गंभीर मुद्दे की ओर भी ध्यान आकर्षित किया। एक साथी रोजगार सहायक ने बताया कि जितेंद्र भूरे पर कार्य का अत्यधिक दबाव था। पंचायत स्तर से लेकर अन्य विभागीय कार्यों का बोझ लगातार बढ़ता जा रहा है, जबकि समय पर मासिक वेतन का भुगतान नहीं हो पाता। इस कारण रोजगार सहायकों को आर्थिक और मानसिक तनाव का सामना करना पड़ता है।

साथियों का कहना है कि लंबे समय तक वेतन न मिलने से रोजगार सहायकों की आर्थिक स्थिति कमजोर हो जाती है और परिवार के पालन-पोषण में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। जितेंद्र भूरे भी इसी तरह के आर्थिक और मानसिक संकट से गुजर रहे थे। बीमारी के उपचार में अत्यधिक खर्च होने के कारण उनकी स्थिति और अधिक बिगड़ गई।

रोजगार सहायकों एवं पंचायत कर्मियों ने शासन-प्रशासन से मांग की है कि रोजगार सहायकों की कार्य परिस्थितियों में सुधार किया जाए, समय पर वेतन भुगतान सुनिश्चित किया जाए और स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर ठोस व्यवस्था की जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की दुखद घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

दिवंगत जितेंद्र भूरे के असामयिक निधन से ग्राम नांदी ने एक कर्मठ सेवक खो दिया है, जिसकी कमी लंबे समय तक महसूस की जाएगी।