वृद्धजन दिवस पर कलेक्टर चंदन त्रिपाठी का संदेश: बुजुर्गों का सम्मान और आत्मीयता ही सबसे बड़ी दवा
कोरिया में अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस पर कलेक्टर चंदन त्रिपाठी ने बुजुर्गों के स्वास्थ्य और सम्मान को समाज की सबसे बड़ी जिम्मेदारी बताया। उन्होंने कहा कि देखभाल, आत्मीयता और समय ही बुजुर्गों के लिए सबसे प्रभावी दवा है। कलेक्टर ने युवाओं से अपील की कि वे बुजुर्गों के साथ समय बिताएँ और उनकी समस्याओं को सुनें। साथ ही अधिकारियों को निर्देश दिए कि कार्यालय आने वाले वरिष्ठ नागरिकों को प्राथमिकता दें और उनकी समस्याओं का समाधान सुनिश्चित करें।

UNITED NEWS OF ASIA. प्रदीप पाटकर, कोरिया। अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस के अवसर पर कलेक्टर चंदन त्रिपाठी ने जिले के सभी वरिष्ठ नागरिकों को स्वस्थ, सुखी और दीर्घायु जीवन की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि बुजुर्गों का आशीर्वाद किसी भी समाज की सबसे बड़ी पूंजी है और उनकी देखभाल, सम्मान और आत्मीयता ही सबसे प्रभावी दवा है।
कलेक्टर त्रिपाठी ने कहा, "चाहे पाश्चात्य संस्कृति कितनी भी आगे क्यों न चली जाए, भारतीय संस्कृति में बुजुर्गों के प्रति आदर और सेवा की परंपरा का कोई विकल्प नहीं है।" उन्होंने बताया कि वे समय-समय पर वृद्धाश्रमों का दौरा कर वरिष्ठ नागरिकों से मुलाकात करती हैं और उनकी सेहत एवं समस्याओं की जानकारी लेती हैं।
बुजुर्गों की कहानियाँ अलग-अलग, लेकिन दर्द एक जैसा
कलेक्टर ने कहा कि हर बुजुर्ग की अपनी जीवन कहानी होती है, लेकिन लगभग हर किसी का दर्द समान होता है – अकेलापन, उपेक्षा और संवाद की कमी। उन्होंने समाज से अपील की कि बुजुर्गों की देखभाल केवल जिम्मेदारी नहीं बल्कि मानवीय संवेदना का सबसे बड़ा उदाहरण है।
युवाओं से विशेष अपील
कलेक्टर ने नई पीढ़ी से भी अपील की कि वे अपने घर और समाज के वरिष्ठ नागरिकों की नियमित स्वास्थ्य जांच कराएँ, आवश्यक उपचार उपलब्ध कराएँ और आत्मीयता से उनके साथ समय बिताएँ। "बुजुर्गों के साथ बैठना, उनसे बातें करना और उनकी समस्याएँ सुनना ही उनके लिए सबसे बड़ी दवा है," उन्होंने कहा।
कर्मचारियों को दिए संवेदनशीलता के निर्देश
कलेक्टर ने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को निर्देश दिए कि जब भी कोई बुजुर्ग कार्यालय में आए तो उन्हें प्राथमिकता दें, बैठने के लिए कहें, पानी पिलाएँ और उनकी समस्या का यथासंभव समाधान करें। उन्होंने कहा कि "सरकारी सेवाओं का असली मूल्य तभी है जब समाज के सबसे कमजोर और वृद्धजन सहजता से उसका लाभ उठा सकें।"
अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस पर दिया गया यह संदेश समाज में बुजुर्गों के प्रति संवेदनशीलता, सेवा और सम्मान की भावना को और मजबूत करने वाला साबित हुआ है।