रायपुर रेल्वे स्टेशन पर कुलियों की आजीविका संकट में, बैटरी चालित वाहन टेंडर से रोजगार प्रभावित
रायपुर रेल्वे स्टेशन पर बैटरी चालित वाहन और प्राइवेट टेंडर के कारण कुलियों की आजीविका संकट में है। रेल्वे लायसेंसी पोर्टर्स मजदूर सहकारी संस्था ने रेल्वे प्रशासन से निविदा निरस्त कर रोजगार सुनिश्चित करने की मांग की है। कुली अपने संवैधानिक अधिकार और जीविकोपार्जन की रक्षा के लिए आंदोलन की चेतावनी दे रहे हैं।

UNITED NEWS OF ASIA. अमृतेश्वर सिंह, रायपुर । रायपुर रेलवे स्टेशन पर कुलियों की दयनीय स्थिति गंभीर चिंता का विषय बन गई है। रेल्वे लायसेंसी पोर्टर्स मजदूर सहकारी संस्था मर्यादित, रायपुर ने बताया कि रेलवे में आधुनिकीकरण और निजीकरण के चलते कुलियों के सामने आजीविका का संकट उत्पन्न हो गया है।
कुलियों को सामाजिक सुरक्षा के लिए रेलवे द्वारा पहले जो आदेश जारी किए गए थे—जैसे बच्चों की मुफ्त शिक्षा, परिवार का मुफ्त इलाज, साल में चार वर्दी और आधुनिक विश्रामालय—वह भी अभी तक लागू नहीं हुए हैं। इसके अलावा, स्टेशन पर यात्रियों के सामान ढोने के लिए बैटरी चालित कारों और ट्रालियों का टेंडर प्राइवेट कंपनी को दिया गया, जिससे कुलियों के रोज़गार पर प्रत्यक्ष असर पड़ा है।
संस्था ने 22 सितंबर 2025 को मंडल रेल प्रबंधक को ज्ञापन दिया था, जिसमें आश्वासन मिला कि कुलियों के हितों का ध्यान रखा जाएगा। इसके बावजूद वाणिज्य रेल प्रबंधक ने दबाव डालकर टेंडर निरस्त न करने की जानकारी दी।
मुख्य बातें इस प्रकार हैं:
-
कुली सदियों से रेलवे यात्रियों की सेवा कर रहे हैं, लेकिन अब उनकी रोज़ी-रोटी खतरे में है।
-
विकास के नाम पर यदि हजारों परिवारों की आजीविका छिन रही है, तो यह अन्याय है।
-
कुली संवैधानिक अधिकारों और जीविकोपार्जन की रक्षा के लिए छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना और जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी के सहयोग से आंदोलन करेंगे।
संस्था ने सरकार और रेल्वे प्रशासन से अपील की है कि कुलियों के हितों की अनदेखी न की जाए। कुली, रेलवे की असली पहचान और यात्रियों के साथी होने के नाते, रोजगार संरक्षण के लिए संघर्ष जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।