महात्मा गांधी नरेगा योजना से बने पशु शेड ने रामफल के व्यवसाय और आमदनी को दी नई दिशा
पंडरिया के ग्राम पंचायत चारभाठाखुर्द के रामफल ने महात्मा गांधी नरेगा योजना से पशु शेड बनवाकर अपने व्यवसाय को बढ़ावा दिया। अब उनके गौ पालन से प्रति माह 3-4 हजार रुपए आमदनी हो रही है और पशुधन सुरक्षित हैं।
UNITED NEWS OF ASIA. कवर्धा | पंडरिया के ग्राम पंचायत चारभाठाखुर्द के हितग्राही रामफल ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (नरेगा) से अपने व्यवसाय और आजीविका को नया आयाम दिया है। दैनिक मजदूरी से जीवन यापन करने वाले रामफल का सपना गौ पालन व्यवसाय शुरू करने का था, लेकिन संसाधनों की कमी इसे मुश्किल बना रही थी।
महात्मा गांधी नरेगा योजना के अंतर्गत ग्राम पंचायत ने रामफल के लिए 68,500 रुपए की राशि से पशु शेड का निर्माण करवाया। लगभग एक माह के अंदर यह शेड बनकर तैयार हुआ और निर्माण में रामफल को 48 दिन का रोजगार मिला। साथ ही 12 मानव दिवस का रोजगार सृजन करते हुए ग्रामीणों ने मजदूरी के रूप में 7,500 रुपए अर्जित किए।
पक्का और हवादार शेड बनने से रामफल के गौ पालन व्यवसाय में तेजी आई। अब वह प्रतिमाह 3 से 4 हजार रुपए की आमदनी दूध बेचकर कमा रहे हैं और घर के लिए भी पर्याप्त दूध मिल रहा है। शेड बनने से पशुधन को हर मौसम में सुरक्षित रखने की सुविधा मिली और व्यवसाय के साथ परिवार की आर्थिक स्थिति भी मजबूत हुई।
रामफल ने बताया कि शेड बनने से पशुधन को बारिश और सर्दी से बचाने की चिंता दूर हो गई। अब वह अपने व्यवसाय को बढ़ाने के लिए और अधिक गाय पालने में सक्षम हैं और प्राप्त आमदनी से परिवार की जरूरतें पूरी कर रहे हैं।
इस पहल से साबित होता है कि शासकीय योजनाओं से ग्रामीणों को व्यवसाय और आजीविका बढ़ाने के अवसर मिलते हैं और आर्थिक सशक्तिकरण के रास्ते खुलते हैं। महात्मा गांधी नरेगा योजना से बने पशु शेड ने रामफल के लिए न केवल सुरक्षा का माध्यम बल्कि स्थायी व्यवसाय और आमदनी का जरिया भी बनकर दिखाया।
