छोटे से गांव जाड़ापदर के दो सपूतों का अग्निवीर में चयन, प्रशिक्षण पश्चात गांव पहुंचने पर उमड़ा जनसैलाब
मैनपुर तहसील के ग्राम जाड़ापदर के दो युवकों का अग्निवीर में चयन होने पर प्रशिक्षण पूर्ण कर गांव लौटने पर भव्य स्वागत किया गया। पूरे गांव में उत्सव का माहौल रहा और युवाओं में सेना व वर्दीधारी सेवाओं के प्रति उत्साह देखने को मिला।
UNITED NEWS OF ASIA. रुपेश साहू, गरियाबंध | मैनपुर तहसील मुख्यालय से लगभग तीन किलोमीटर दूर स्थित छोटे से ग्राम जाड़ापदर ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि सीमित संसाधनों के बावजूद भी दृढ़ संकल्प और मेहनत से बड़ी उपलब्धियां हासिल की जा सकती हैं। गांव के दो युवकों का अग्निवीर योजना के अंतर्गत चयन होने पर पूरे क्षेत्र में हर्ष और गर्व का माहौल है।
ग्राम जाड़ापदर के मनीष सिंह परिहार, पिता विजय बहादुर सिंह परिहार, तथा प्रमोद कुमार नायक, पिता तेजूराम नायक, दोनों ने अग्निवीर भर्ती प्रक्रिया में सफलता प्राप्त की। मनीष सिंह परिहार आठ माह का प्रशिक्षण पूर्ण कर वर्तमान में पाकिस्तान सीमा के समीप सूरतगढ़, राजस्थान में देश सेवा में तैनात हैं। वहीं प्रमोद कुमार नायक ने अपना आठ माह का प्रशिक्षण हाल ही में पूर्ण किया और प्रशिक्षण पश्चात गांव वापस लौटे।
अपने सपूतों के गांव आगमन पर जाड़ापदर सहित आसपास के क्षेत्र में उत्सव जैसा माहौल देखने को मिला। गांव में स्वागत के लिए हजारों की संख्या में ग्रामीण उमड़ पड़े। ढोल-नगाड़ों, बाजा-गाजा और आतिशबाजी के साथ जवानों का भव्य स्वागत किया गया। मैनपुर मुख्यालय पहुंचने पर श्री राम सेना के पदाधिकारियों और सदस्यों ने बस स्टैंड पर जवानों का अभिनंदन करते हुए उनका उत्साहवर्धन किया।
इसके पश्चात गांव जाड़ापदर में घर-घर आरती उतारकर पूजा-अर्चना की गई। स्वागत रैली में मैनपुर जनपद सदस्य कुमारी बाई, मैनपुर सरपंच हनिता नायक, जाड़ापदर सरपंच उपासिन नागेश सहित अनेक जनप्रतिनिधि, शिक्षक, सामाजिक कार्यकर्ता और ग्रामीणजन उपस्थित रहे।
ग्राम के शिक्षक यशवंत बघेल ने बताया कि जाड़ापदर गांव के लिए यह गौरव का विषय है। उन्होंने बताया कि इससे पूर्व भी गांव के युवाओं का चयन केंद्रीय सशस्त्र बल, छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल, आरक्षक भर्ती और उप निरीक्षक पद पर हो चुका है। हाल ही में आरक्षक भर्ती परिणाम में भी गांव के दो अभ्यर्थियों का चयन हुआ है। वर्तमान में गांव के लगभग 10 युवक-युवतियां देश सेवा में विभिन्न पदों पर कार्यरत हैं।
ग्रामीणों का मानना है कि इस सफलता से गांव में सेना, पुलिस और अन्य वर्दीधारी सेवाओं के प्रति सकारात्मक माहौल बना है, जिससे आने वाले समय में और भी युवा इन सेवाओं के लिए प्रेरित होंगे। जाड़ापदर गांव आज अनुशासन, देशभक्ति और युवाओं की मेहनत का प्रतीक बनता जा रहा है।