धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री बोले- हिंदुओं को अब माला और भाला दोनों साथ रखना चाहिए, धर्मांतरण पर मृत्युदंड का कानून बने

बागेश्वर धाम सरकार आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने हाल में देशभर में हुई धार्मिक जुलूसों पर पत्थरबाजी की घटनाओं को हिंदुओं को डराने की प्रायोजित साजिश बताया है। उन्होंने कहा कि हिंदुओं को अब माला के साथ भाला भी रखना चाहिए और इस मानसिकता के खिलाफ संगठित होकर आवाज उठानी चाहिए। शास्त्री ने धर्मांतरण को देश के लिए सबसे बड़ा खतरा बताते हुए छल-कपट से कराए जाने वाले धर्मांतरण पर मृत्युदंड का प्रावधान करने की मांग की। उन्होंने दावा किया कि छत्तीसगढ़ जल्द ही धर्मांतरण के खिलाफ उदाहरण पेश करने वाला पहला राज्य बनेगा और नक्सलवाद का कलंक भी जल्द मिटेगा।

Oct 7, 2025 - 12:14
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धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री बोले- हिंदुओं को अब माला और भाला दोनों साथ रखना चाहिए, धर्मांतरण पर मृत्युदंड का कानून बने

UNITED NEWS OF ASIA. अमृतेश्वर सिंह, रायपुर। बागेश्वर धाम सरकार आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने देशभर में होली, दुर्गा प्रतिमा विसर्जन और राम जुलूसों के दौरान हुई पत्थरबाजी की घटनाओं को विदेशी ताकतों द्वारा प्रायोजित साजिश करार दिया है। उन्होंने कहा कि इन घटनाओं के पीछे मकसद हिंदुओं में भय पैदा करना है, लेकिन अब समय आ गया है जब हिंदू समाज माला और भाला दोनों साथ रखे।

शास्त्री ने कहा, “हिंदुओं को डराने का यह सबसे बड़ा ट्रेंड बन गया है। हम पूरे देश में पदयात्राएं कर रहे हैं ताकि हिंदुओं का भय दूर हो और वे संगठित होकर अपनी परंपरा और संस्कृति की रक्षा कर सकें। मुझे 'आई लव मुहम्मद' में कुछ गलत नहीं लगता, तो 'मुझे महादेव से प्रेम है' में भी किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए। लेकिन 'सर तन से जुदा' के नारे लगाने वालों को न कानून छोड़ेगा और न हिंदू समाज।”

उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ मातृभूमि के प्रति समर्पण, हिंदुत्व और राम की भूमि है और यहां हालात तेजी से बदल रहे हैं। हिंदुत्व के प्रसार से धर्मांतरण पर अंकुश लग रहा है। आने वाले समय में छत्तीसगढ़ ऐसा पहला राज्य बन सकता है, जहां हर गांव में धर्मांतरण के खिलाफ आवाज उठेगी। उन्होंने नक्सलवाद को राज्य की छवि पर लगा सबसे बड़ा धब्बा बताते हुए कहा कि जल्द ही यह कलंक भी मिट जाएगा।

धर्मांतरण पर मृत्युदंड की मांग
आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने छल, कपट और षड्यंत्र से कराए जा रहे धर्मांतरण को ‘घोर पाप’ बताया और कहा कि सरकार को इसके लिए मृत्युदंड का प्रावधान करना चाहिए। उन्होंने कहा, “संविधान के अनुसार किसी को भी जबरदस्ती या लालच देकर धर्मांतरण कराने का अधिकार नहीं है। यदि कोई अपनी इच्छा से धर्म बदलता है तो यह उसका व्यक्तिगत मामला है, लेकिन यदि छल-कपट से ऐसा किया जाता है तो यह राष्ट्र के लिए खतरा है।”

शास्त्री के अनुसार, छत्तीसगढ़ में अब हिंदुत्व की चेतना तेजी से फैल रही है और समाज इस प्रकार के प्रयासों के खिलाफ एकजुट होकर खड़ा हो रहा है। उनका कहना है कि आने वाले समय में धर्मांतरण पर रोक लगाने के साथ-साथ समाज को भी संगठित रहना होगा।

धीरेंद्र शास्त्री का यह बयान ऐसे समय में आया है जब कई राज्यों में धार्मिक जुलूसों पर पथराव और धर्मांतरण से जुड़े विवाद लगातार बढ़ रहे हैं। उन्होंने हिंदू समाज से आह्वान किया कि वे डरने के बजाय अपनी आस्था और अधिकारों की रक्षा के लिए संगठित होकर खड़े हों।