मुस्लिम और ईसाई धर्म छोड़कर परिवारों ने अपनाया सनातन धर्म, बागेश्वर धाम दरबार में की घर वापसी
रायपुर में बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की हनुमंत कथा के तीसरे दिन मुस्लिम समाज के सलमान और उनके परिवार ने हिन्दू धर्म अपनाकर ‘राजवीर’ नाम से घर वापसी की। वहीं ओडिया समाज की बिंदु बाई और श्रीमती निर्मला ने ईसाई धर्म छोड़कर परिवार सहित पुनः सनातन धर्म स्वीकार किया। पं. शास्त्री ने गंगाजल और तिलक के साथ उनका स्वागत किया और सभी को हनुमान भक्ति और धार्मिक आचरण का पालन करने की प्रेरणा दी। इस दौरान कार्यक्रम में कई जनप्रतिनिधि, मंत्री और समाजसेवी उपस्थित रहे।

UNITED NEWS OF ASIA. अमृतेश्वर सिंह, रायपुर। बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पूज्य पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की हनुमंत कथा के तीसरे दिन धर्म परिवर्तन कर चुके कई परिवारों ने पुनः सनातन धर्म को अपनाते हुए घर वापसी की। रायपुर के गुढ़ियारी स्थित अवधपुरी मैदान में आयोजित इस कार्यक्रम में मुस्लिम समाज के सलमान ने हिन्दू धर्म अपनाकर नया नाम ‘राजवीर’ प्राप्त किया। वहीं, ओडिया समाज की बिंदु बाई और श्रीमती निर्मला ने भी अपने परिवार के साथ ईसाई धर्म त्यागकर सनातन परंपरा में वापसी की।
पं. शास्त्री ने मंच से सभी परिवारों का स्वागत गंगाजल और तिलक से किया और उन्हें धार्मिक आचरण के नियमों का पालन करने की सलाह दी। उन्होंने कहा, “यदि दिव्य दरबार में अर्जी लगाने के बाद लहसुन, मांस और मदिरा का त्याग किया जाए और नियमित रूप से हनुमान आराधना की जाए, तो जीवन में हर बाधा दूर होती है। सपनों में दो दिन तक बंदर दिखाई दें तो समझना कि बालाजी की सेना तुम्हारी सहायता के लिए आ गई है।”
मुर्रा भट्टी निवासी सलमान ने बताया कि वे पहले भी पूजा-पाठ करते थे, लेकिन परिवार के विरोध के कारण ऐसा नहीं कर पाते थे। आज घर वापसी के अवसर पर उन्होंने स्वयं की इच्छा से सनातन धर्म को अपनाने का निर्णय लिया। पं. शास्त्री ने उन्हें एफिडेविट बनाकर कलेक्टर को देने की सलाह दी और ‘राजवीर’ नाम से उनका स्वागत किया।
इसी प्रकार, बिंदु बाई और श्रीमती निर्मला ने भी अपने परिवारों सहित हिन्दू धर्म में वापसी की। पं. शास्त्री ने कहा कि यह पूरी तरह से स्वेच्छा से की गई घर वापसी है और किसी प्रकार का दबाव नहीं डाला गया। सभी को हनुमान जी की तस्वीर भेंट की गई और भक्ति पथ पर अग्रसर होने का आशीर्वाद दिया गया।
कार्यक्रम में परिवहन मंत्री केदार कश्यप, राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा, विधायक मोतीलाल साहू, रोहित साहू, पूर्व विधायक नारायण चंदेल, भाजपा संगठन महामंत्री पवन साय समेत कई जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे। मंच से पं. शास्त्री ने धर्म, भक्ति और जीवन मूल्यों पर प्रेरक प्रवचन दिया। उन्होंने कहा कि भगवान चरित्र को देखते हैं, चित्र को नहीं। इसलिए व्यक्ति को अपने विचार और व्यवहार को पवित्र बनाना चाहिए।
बागेश्वर धाम में इस दौरान कई सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी हुईं। लोक कलाकार दिलीप षडंगी, कांता सरण और अरु साहू का सम्मान किया गया। आगामी कार्यक्रम के तहत मंगलवार को प्रेत राज सरकार का दिव्य दरबार और सुबह दीक्षा समारोह आयोजित किया जाएगा।
यह आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण रहा, बल्कि सामाजिक स्तर पर भी कई परिवारों के लिए नई आध्यात्मिक शुरुआत का प्रतीक बना।