धमतरी में स्व-सहायता समूहों को प्रशिक्षण: उत्पादन से विपणन तक मिली व्यावहारिक समझ
धमतरी जिले में जिला प्रशासन और PwC के सहयोग से आयोजित दो दिवसीय प्रशिक्षण में स्व-सहायता समूहों के सदस्यों को उत्पादन, गुणवत्ता सुधार, ब्रांडिंग और विपणन तक की व्यावहारिक जानकारी दी गई। इस पहल से समूहों को स्थानीय और राष्ट्रीय बाजार से जोड़ने में मदद मिलेगी।
UNITED NEWS OF ASIA. रिजवान मेमन, धमतरी। धमतरी जिले के स्व-सहायता समूहों (SHG) को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने तथा उनके उत्पादों को व्यापक बाजार से जोड़ने के उद्देश्य से जिला प्रशासन ने एक दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया। यह कार्यक्रम कलेक्टर अबिनाश मिश्रा के मार्गदर्शन एवं PwC संस्था के सहयोग से नगर निगम के सामुदायिक भवन में संपन्न हुआ।
कार्यक्रम में जिले के सभी विकासखंडों से चयनित 40 स्व-सहायता समूह सदस्य उपस्थित रहे। प्रशिक्षण में प्रतिभागियों को उत्पादों की गुणवत्ता सुधार, मानकीकरण, आकर्षक पैकेजिंग, प्रभावी ब्रांडिंग और विपणन रणनीतियों की व्यावहारिक जानकारी दी गई।
जिला कार्यक्रम प्रबंधक (आजीविका) अनुराग मिश्रा ने समूह सदस्यों को उद्यम आधार पंजीयन, FSSAI पंजीयन, गुणवत्ता मानक, विधिक प्रक्रियाएं, मूल्य निर्धारण, लागत विश्लेषण और बाजार से जुड़ाव जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर मार्गदर्शन दिया। उन्होंने बताया कि इन मानकों का पालन करने से उत्पाद न केवल स्थानीय, बल्कि राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर के बाजारों तक भी पहुंच सकते हैं।
PricewaterhouseCoopers (PwC) के विशेषज्ञों ने प्रशिक्षण में ब्रांड निर्माण, उपभोक्ता व्यवहार, बाजार लिंकेंज, डिजिटल मार्केटिंग, सोशल मीडिया प्रचार और बाजार-उन्मुख उत्पादन रणनीतियों पर व्यावहारिक सत्र आयोजित किए। प्रतिभागियों को वास्तविक उदाहरणों के माध्यम से यह समझाया गया कि कैसे छोटे स्तर से शुरू कर उत्पादों को बड़े बाजार तक पहुंचाया जा सकता है।
प्रतिभागियों ने प्रशिक्षण को अत्यंत उपयोगी बताया और कहा कि इससे उन्हें अपने उत्पादों को पेशेवर ढंग से प्रस्तुत करने, ब्रांड पहचान विकसित करने और नए बाजारों तक पहुंच बनाने की स्पष्ट दिशा मिली है। उन्होंने आत्मनिर्भर बनने और उत्पादों को संगठित रूप से बाजार में उतारने का संकल्प भी लिया।
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) के तहत आयोजित यह प्रशिक्षण स्व-सहायता समूहों को उद्यमशील, आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से मजबूत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ है। जिला प्रशासन की यह पहल निश्चित रूप से ग्रामीण महिलाओं के सशक्तिकरण और जिले की आर्थिक प्रगति में योगदान देगी।