बेमेतरा में फर्जी UPI स्क्रीनशॉट से आईफोन ठगी का पर्दाफाश, दो आरोपी गिरफ्तार
बेमेतरा पुलिस ने UPI भुगतान का फर्जी स्क्रीनशॉट दिखाकर आईफोन ठगने वाले दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। सिटी कोतवाली और साइबर सेल की संयुक्त कार्रवाई में आईफोन 16, आईफोन 14 और बुलेट वाहन सहित 2.72 लाख रुपये का सामान बरामद किया गया। पुलिस ने दुकानदारों को डिजिटल भुगतान में सावधानी बरतने की सलाह दी है।
UNITED NEWS OF ASIA. अरुण पुरेना, बेमेतरा | जिले में डिजिटल ठगी के एक गंभीर मामले का पुलिस ने सफलतापूर्वक खुलासा करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। सिटी कोतवाली बेमेतरा और साइबर सेल की संयुक्त टीम ने UPI फोन-पे भुगतान का फर्जी स्क्रीनशॉट दिखाकर महंगा आईफोन ठगने वाले शातिर आरोपियों को धर दबोचा। यह कार्रवाई जिले में बढ़ते साइबर अपराधों पर अंकुश लगाने की दिशा में एक बड़ी सफलता मानी जा रही है।
मामला जिला मुख्यालय बेमेतरा के नया बस स्टैंड स्थित एक मोबाइल दुकान से जुड़ा है। यहां दो युवकों ने ग्राहक बनकर आईफोन 16 खरीदने की इच्छा जताई। भुगतान के दौरान उन्होंने UPI के माध्यम से ट्रांजैक्शन होने का फर्जी स्क्रीनशॉट दुकानदार को दिखाया। स्क्रीनशॉट पर भरोसा कर दुकानदार ने आईफोन उन्हें सौंप दिया। बाद में जब खाते में राशि जमा नहीं हुई, तब दुकानदार को ठगी का एहसास हुआ और उसने तुरंत सिटी कोतवाली थाना में इसकी शिकायत दर्ज कराई।
प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक रामकृष्ण साहू के निर्देशन में सिटी कोतवाली और साइबर सेल की संयुक्त टीम गठित की गई। तकनीकी साक्ष्यों और पतासाजी के आधार पर पुलिस ने दोनों आरोपियों को चिन्हांकित कर गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों के कब्जे से ठगी में लिया गया आईफोन 16, भुगतान के लिए इस्तेमाल किया गया आईफोन 14, तथा घटना में प्रयुक्त बुलेट मोटरसाइकिल जब्त की गई। जब्त किए गए सामान की कुल कीमत लगभग 2.72 लाख रुपये आंकी गई है।
एसपी रामकृष्ण साहू ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि यह ठगी पूरी तरह योजनाबद्ध थी, जिसमें डिजिटल भुगतान के नाम पर दुकानदार को गुमराह किया गया। आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया है और आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
पुलिस ने इस मौके पर व्यापारियों और आम नागरिकों से अपील की है कि वे डिजिटल भुगतान के दौरान केवल स्क्रीनशॉट पर भरोसा न करें। सामान देने से पहले अपने UPI या बैंक एप में जाकर ट्रांजैक्शन की वास्तविक पुष्टि अवश्य करें। किसी भी प्रकार की साइबर ठगी की स्थिति में तत्काल राष्ट्रीय साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर शिकायत दर्ज कराएं। यह सतर्कता ही डिजिटल ठगी से बचाव का सबसे प्रभावी उपाय है।