खरसिया में काव्य कलश परिवार का भव्य वार्षिक अधिवेशन सम्पन्न, अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में साहित्यकारों की गरिमामयी उपस्थिति
खरसिया में काव्य कलश कला एवं साहित्य मंच द्वारा पंचम वार्षिक अधिवेशन, वार्षिकांक विमोचन, सम्मान समारोह एवं अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का भव्य आयोजन किया गया। प्रदेश और उत्तरप्रदेश सहित अनेक कवियों व साहित्यकारों ने सहभागिता कर साहित्यिक समा बांधा।
UNITED NEWS OF ASIA. अमृतेश्वर सिंह, रायपुर | काव्य कलश कला एवं साहित्य मंच, खरसिया (जिला रायगढ़) द्वारा आयोजित पंचम वार्षिक अधिवेशन, सम्मान समारोह एवं अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का भव्य आयोजन 14 दिसंबर 2025, रविवार को लखीराम अग्रवाल ऑडिटोरियम, ठाकुरदिया खरसिया में हर्षोल्लास के साथ सम्पन्न हुआ। प्रातः 10 बजे से शाम 6 बजे तक चले इस साहित्यिक महोत्सव में प्रदेशभर के साथ-साथ उत्तरप्रदेश से आए कवियों, साहित्यकारों एवं साहित्यप्रेमियों ने उत्साहपूर्वक सहभागिता की।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में नगर पालिका परिषद खरसिया के अध्यक्ष कमल गर्ग उपस्थित रहे। विशिष्ट अतिथियों में अवधनारायण सोनी, हेल्पिंग हैंड्स फाउंडेशन के प्रदेश अध्यक्ष अंकित अग्रवाल, प्रदेश उपाध्यक्ष विन्नी सलुजा, वरिष्ठ साहित्यकार रमेश सिंघानिया, राजभाषा आयोग रायपुर के समन्वयक रामेश्वर शर्मा तथा गौसेवक राकेश केशरवानी शामिल रहे। उनकी उपस्थिति ने आयोजन की गरिमा को और बढ़ाया।
कार्यक्रम का शुभारंभ छत्तीसगढ़ महतारी एवं मां शारदे के छायाचित्र पर दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ। राजकीय गीत की प्रस्तुति पुरुषोत्तम प्रसाद गुप्ता ने दी, जबकि स्वागत गीत राधेश्याम पटेल द्वारा प्रस्तुत किया गया। इसके पश्चात मंच के संरक्षक मनमोहन सिंह ठाकुर एवं उपाध्यक्ष राकेश नारायण बंजारे ने अपने प्रेरक उद्बोधनों से साहित्य की सामाजिक भूमिका पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम का एक प्रमुख आकर्षण काव्य कलश पत्रिका – 2025 का विमोचन रहा, जिसे अतिथियों के करकमलों से विधिवत रूप से संपन्न कराया गया। इसके बाद आयोजित अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में योगेश चौहान, रमेश विश्वहार, संध्या त्रिपाठी, महेंद्र बेज़ुबां एवं प्रियंका गुप्ता ‘प्रिया’ ने अपनी सशक्त कविताओं से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। कविताओं में सामाजिक सरोकार, संवेदनाएं और सांस्कृतिक चेतना की स्पष्ट झलक देखने को मिली।
सम्मान समारोह के अंतर्गत साहित्य और समाज के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाली विभूतियों को सम्मानित किया गया। संपूर्ण कार्यक्रम का कुशल संचालन राकेश नारायण बंजारे, वेदराम चौहान एवं विनोद डडसेना द्वारा किया गया।
काव्य कलश परिवार द्वारा आयोजित यह वार्षिक अधिवेशन साहित्य, कला और संस्कृति के संगम का अनुपम उदाहरण सिद्ध हुआ। आयोजन समिति ने सभी साहित्यकारों, कवियों एवं साहित्यप्रेमियों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कार्यक्रम को ऐतिहासिक रूप से सफल बताया।