पूर्व विधायक संतराम नेताम का जोरदार आग्रह: शिक्षकों को गैर-शैक्षणिक कार्यों में न लगाया जाए, क्लासरूम प्राथमिकता

पूर्व विधायक संतराम नेताम ने कहा कि शिक्षकों को गैर-शैक्षणिक या प्रशासनिक कार्यों में नहीं लगाया जाए, उनका स्थान केवल क्लासरूम में होना चाहिए।

Oct 12, 2025 - 15:55
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पूर्व विधायक संतराम नेताम का जोरदार आग्रह: शिक्षकों को गैर-शैक्षणिक कार्यों में न लगाया जाए, क्लासरूम प्राथमिकता

UNITED NEWS OF ASIA. रामकुमार भारद्वाज, कोंडागांव। पूर्व विधायक संतराम नेताम ने छत्तीसगढ़ सरकार को चेतावनी दी है कि सरकारी स्कूलों के शिक्षकों से किसी भी प्रकार का गैर-शैक्षणिक या प्रशासनिक कार्य न कराया जाए। उनका कहना है कि शिक्षक का स्थान केवल क्लासरूम में है, दफ्तरों में नहीं।

नेताम ने कई जिलों से मिली शिकायतों पर ध्यान देते हुए बताया कि कई शिक्षकों को पढ़ाई से हटाकर जाति प्रमाण पत्र, नियत नेलनार, युक्तिकरण, गिरदावरी सत्यापन जैसे गैर-शैक्षणिक कार्यों में लगाया जा रहा है। उन्होंने इसे शिक्षकों और विद्यार्थियों दोनों के साथ अन्याय बताया।

पूर्व विधायक ने कहा कि शिक्षक केवल सरकारी कर्मचारी नहीं हैं, बल्कि समाज के भविष्य को गढ़ने वाले ज्ञान के दीपक हैं। उन्होंने साय सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि एक ओर स्कूलों में शिक्षक संख्या बढ़ाकर शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के आदेश दिए जा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर उन्हें प्रशासनिक दबाव में डालकर गैर-शैक्षणिक कार्य कराए जा रहे हैं।

नेताम ने शिक्षा विभाग से आग्रह किया कि यदि सरकार को गैर-शैक्षणिक कार्य करवाना है, तो उसे बेरोजगारों को रोजगार के अवसर प्रदान करने की दिशा में करना चाहिए। उन्होंने आरटीई अधिनियम, 2009 की धारा 27 का हवाला देते हुए कहा कि शिक्षकों को केवल जनगणना, आपदा राहत या चुनाव जैसे कार्यों में ही लगाया जा सकता है।

संतराम नेताम ने कहा कि शिक्षा का स्तर तभी सुधर सकता है जब शिक्षकों की समस्याओं को समझा जाए। इसमें मिड-डे मील, शिक्षक आवास, बेहतर प्रशिक्षण और कागजी कार्यवाही में कमी जैसे मुद्दे शामिल हैं। उनका कहना है कि राजनैतिक दखल कम होना चाहिए और शिक्षक को स्वतंत्रता दी जानी चाहिए ताकि प्राथमिक शिक्षा में मजबूती और सुधार दिख सके।

नेताम ने स्पष्ट किया कि शिक्षक मानसिक और शारीरिक रूप से दबाव में हैं, वहीं समय पर स्कूल में न पहुंचने पर उन्हें कार्रवाई का सामना करना पड़ता है। उन्होंने सरकार से अनुरोध किया कि शिक्षकों को क्लासरूम में वापस लाकर बच्चों की शिक्षा पर ध्यान केंद्रित किया जाए।

इस प्रकार, संतराम नेताम ने सरकार और शिक्षा विभाग को शिक्षकों के अधिकार और बच्चों के भविष्य के प्रति जिम्मेदारी निभाने की महत्वपूर्ण चेतावनी दी है।