स्वामी आत्मानंद विद्यालय बारसूर विवाद सुलझा — शिक्षिका को मूल स्कूल भेजने का निर्णय, तुलिका कर्मा के हस्तक्षेप से बच्चों की मांग हुई पूरी

बारसूर स्वामी आत्मानंद विद्यालय में शिक्षिका के दुर्व्यवहार की शिकायत पर तीन दिन के छात्र विरोध के बाद तुलिका कर्मा के हस्तक्षेप से सर्वसम्मति से शिक्षिका को मूल विद्यालय भेजा गया।

Oct 13, 2025 - 17:44
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स्वामी आत्मानंद विद्यालय बारसूर विवाद सुलझा — शिक्षिका को मूल स्कूल भेजने का निर्णय, तुलिका कर्मा के हस्तक्षेप से बच्चों की मांग हुई पूरी

UNITED NEWS OF ASIA. असीम पाल, दंतेवाड़ा। दंतेवाड़ा जिले के बारसूर स्थित स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय में बीते तीन दिनों से जारी विवाद आखिरकार सुलझ गया। विद्यालय की एक शिक्षिका के कथित दुर्व्यवहार और अभद्र टिप्पणी के विरोध में छात्रों द्वारा शुरू किया गया आंदोलन सोमवार को समाप्त हुआ। जिला पंचायत सदस्य तुलिका कर्मा के हस्तक्षेप और जिला शिक्षा विभाग की जाँच समिति की रिपोर्ट के बाद शिक्षिका को सर्वसम्मति से मूल विद्यालय भेजने का निर्णय लिया गया।

मामले की शुरुआत तब हुई जब विद्यालय के कुछ छात्र-छात्राएँ कलेक्टर से मिलने पहुँचे और शिकायत की कि एक शिक्षिका द्वारा उनके साथ अपमानजनक व्यवहार किया जा रहा है। कलेक्टर ने जाँच का आश्वासन दिया, परंतु समय बीतने के बावजूद कार्रवाई नहीं हुई। इस पर ब्लॉक कांग्रेस बारसूर के पदाधिकारियों ने छात्रों के समर्थन में मोर्चा संभाल लिया।

ब्लॉक अध्यक्ष रूपधर नाग, युवा कांग्रेस उपाध्यक्ष पुरुषोत्तम यादव, और अन्य पदाधिकारी विद्यालय पहुँचे और विद्यालय प्रभारी तथा बीईओ से चर्चा की। बीईओ ने बताया कि मामले की जाँच के लिए समिति गठित की जाएगी। इसके बाद जिला शिक्षा अधिकारी से फोन पर संपर्क कर स्थिति से अवगत कराया गया।

स्थिति तब निर्णायक मोड़ पर पहुँची जब जिला पंचायत सदस्य तुलिका कर्मा स्वयं विद्यालय पहुँचीं। उन्होंने छात्रों से मुलाकात की और उनकी समस्याएँ सुनीं। उन्होंने आश्वासन दिया कि “जाँच समिति जो भी निष्कर्ष देगी, छात्रों की माँग को प्राथमिकता दी जाएगी।” तत्पश्चात उन्होंने विद्यालय प्रभारी और जाँच समिति सदस्यों से विस्तृत चर्चा की।

अंततः, समिति की अनुशंसा और सामूहिक सहमति से विवादित शिक्षिका को उनके मूल विद्यालय वापस भेजने का निर्णय लिया गया। इससे छात्रों में खुशी का माहौल रहा और तीन दिनों से जारी धरना समाप्त हुआ।

इस आंदोलन में ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष रूपधर नाग, जिला युवा कांग्रेस उपाध्यक्ष पुरुषोत्तम यादव, कीरत आलामी, राकेश मण्डावी, मनोज कोराम, रतिराम भास्कर, नितेश नेगी, कन्हैया नाग, सोनधर कश्यप, रोशन कुमार, महिला कांग्रेस अध्यक्ष आशा पाटीदार, निकिता पुजारी, मोहित नाग, जस्सू सूर्यवंशी, सुखराम पुजारी, कृष्णा नाग सहित कई कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

यह प्रकरण छात्र आवाज़ की जीत और शिक्षा व्यवस्था में संवेदनशील प्रशासनिक हस्तक्षेप का उदाहरण बन गया है।