गृहमंत्री की नहीं सुन रहे एसपी — कांग्रेस बोली, अपराध बढ़ने की वजह सरकार की नाकामी

एसपी कॉन्फ्रेंस में गृहमंत्री विजय शर्मा और महासमुंद एसपी की नोकझोंक पर कांग्रेस ने सरकार पर निशाना साधा, कहा — गृहमंत्री का नियंत्रण खत्म, अपराध तेजी से बढ़े।

Oct 14, 2025 - 11:06
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गृहमंत्री की नहीं सुन रहे एसपी — कांग्रेस बोली, अपराध बढ़ने की वजह सरकार की नाकामी

UNITED NEWS OF ASIA, अमृतेश्वर सिंह, रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजनीति में हलचल उस वक्त तेज हो गई जब गृहमंत्री एवं उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा और महासमुंद एसपी के बीच एसपी कॉन्फ्रेंस में हुई नोकझोंक पर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया दी।
प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि जब विभागीय अधिकारी ही गृहमंत्री की बात नहीं सुन रहे, तो आम जनता की बात कौन सुनेगा।

धनंजय ठाकुर ने कहा — “गृहमंत्री की बात उनके ही अधीनस्थ अधिकारी नहीं मानते, यह स्थिति बताती है कि पुलिस प्रशासन में अनुशासन खत्म हो चुका है। जब एसपी सवाल के जवाब देने के बजाय नोकझोंक करते हैं, तो जनता की शिकायतों का क्या हाल होगा? यही कारण है कि प्रदेश में अपराध नियंत्रण से बाहर हो गए हैं।”

उन्होंने आरोप लगाया कि थानों में जनता के साथ बदसलूकी, एफआईआर दर्ज करने के लिए रिश्वतखोरी जैसी शिकायतें आम हैं। ठाकुर ने कहा कि गृह मंत्री विजय शर्मा को तत्काल अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए क्योंकि “जब विभाग ही आपके नियंत्रण में नहीं, तो पद पर बने रहने का क्या औचित्य है?”

कांग्रेस प्रवक्ता ने प्रदेश में कानून व्यवस्था की बदतर स्थिति के आंकड़े भी पेश किए। उन्होंने बताया कि भाजपा सरकार में अपराधों में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है —

  • 1 साल में 1114 हत्याएं (प्रतिदिन 3 हत्या),

  • 458 लूटपाट,

  • 3644 अपहरण (प्रतिदिन 10),

  • 7960 चोरी के मामले,

  • 56 डकैती और

  • 3191 बलात्कार की घटनाएं (प्रतिदिन 9 बलात्कार)।

ठाकुर ने कहा कि लोहारीडीह हत्याकांड, बलौदाबाजार कलेक्टर कार्यालय जलाने, मंदिर हसौद मॉब लिंचिंग, रायपुर में गैंगस्टर फायरिंग और जशपुर में गैंगरेप जैसी घटनाओं ने जनता का भरोसा तोड़ा है।

कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार अपराध रोकने में असफल रही है और गृह मंत्री का विभाग पूरी तरह से बेकाबू हो गया है।
ठाकुर ने कहा — “राज्य में कानून का खौफ खत्म हो चुका है। जनता घर और बाहर दोनों जगह असुरक्षित महसूस कर रही है।”

उन्होंने मांग की कि मुख्यमंत्री को तुरंत हस्तक्षेप कर पुलिस प्रशासन में जवाबदेही तय करनी चाहिए, ताकि जनता को सुरक्षा का एहसास हो सके।