छत्तीसगढ़ में 32 लाख परिवारों का राशन बंद — कांग्रेस ने सरकार पर लगाया जनविरोधी निर्णय का आरोप

छत्तीसगढ़ सरकार नवंबर से 32 लाख परिवारों को राशन नहीं देगी। कांग्रेस ने केवाईसी बहाने बताकर सरकार पर गरीब विरोधी और भ्रष्टाचार बढ़ाने के आरोप लगाए हैं।

Oct 14, 2025 - 11:02
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छत्तीसगढ़ में 32 लाख परिवारों का राशन बंद — कांग्रेस ने सरकार पर लगाया जनविरोधी निर्णय का आरोप

UNITED NEWS OF ASIA. अमृतेश्वर सिंह, रायपुर | छत्तीसगढ़ में नवंबर माह से लगभग 32 लाख उपभोक्ताओं को राशन वितरण बंद करने का निर्णय सामने आया है। इस फैसले ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने इस कदम को “जनविरोधी” करार देते हुए राज्य सरकार पर तीखा प्रहार किया है।

शुक्ला ने कहा कि सरकार ने केवाईसी अपडेट का बहाना बनाकर गरीबों से उनका भोजन छीनने की साजिश रची है। उनके अनुसार, “जब दो-ढाई साल पहले राशन कार्ड बनाए गए थे, तब आधार कार्ड अनिवार्य रूप से लिया गया था। अब अचानक उन्हीं कार्डों को रद्द करना सरकार की नीयत पर सवाल उठाता है।”

उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय में पारदर्शी तरीके से 81 लाख राशन कार्ड बनाए गए थे। ये कार्ड स्थानीय निकायों की सामान्य सभाओं में प्रकाशित सूचियों और आपत्तियों के निपटान के बाद जारी किए गए थे। “कांग्रेस शासन में एपीएल और बीपीएल सभी वर्गों को समान रूप से राशन का लाभ मिला,” शुक्ला ने कहा।

कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार आने के बाद 81 लाख कार्डों को दोबारा निरस्त कर जनता को नई लाइनों में लगा दिया गया। अब भी 32 लाख से अधिक परिवारों केवाईसी की जटिल प्रक्रिया में फंसे हैं और उन्हें राशन से वंचित किया जा रहा है।

शुक्ला ने कहा, “भोजन का अधिकार कांग्रेस की यूपीए सरकार की देन है। लेकिन भाजपा सरकार में केवल भ्रष्टाचार बढ़ा है। आज भी कई आदिवासी इलाकों में नमक और चना की आपूर्ति केवल कागजों पर होती है। पीडीएस का चावल खुले बाजार में बेचा जा रहा है।”

उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा शासन में पीडीएस के स्टॉक का भौतिक सत्यापन तक नहीं हो रहा, और सहकारी संस्थाएं भाजपा नेताओं के निजी लाभ का माध्यम बन गई हैं।
“छत्तीसगढ़ के गरीबों का हक लूटा जा रहा है, और चावल दूसरे राज्यों में बेचा जा रहा है,” शुक्ला ने आरोप लगाया।

कांग्रेस ने सरकार से इस फैसले को तत्काल वापस लेने और सभी जरूरतमंद परिवारों को फिर से राशन वितरण शुरू करने की मांग की है।