खेल अकादमी का निरीक्षण: डॉ. वर्णिका शर्मा के कड़े निर्देश, सोमवार तक गोलपोस्ट और जूते उपलब्ध कराने के आदेश
छत्तीसगढ़ बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डॉ. वर्णिका शर्मा ने खेल अकादमी का औचक निरीक्षण कर बच्चों की समस्याएं सुनीं। फुटबॉल मैदान में गोलपोस्ट और जूते सोमवार तक उपलब्ध कराने के कड़े निर्देश दिए और खेल व्यवस्था सुधारने की बात कही।
UNITED NEWS OF ASIA.अमृतेश्वर सिंह, रायपुर | छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डॉ. वर्णिका शर्मा ने आज 14 नवंबर 2025 को खेल अकादमी के आवासीय परिसर का निरीक्षण किया। उन्होंने बालक और बालिका खिलाड़ियों से वन-टू-वन संवाद कर उनकी समस्याएं विस्तार से सुनी।
आरचरी, एथलेटिक्स, हॉकी और फुटबॉल के खिलाड़ियों ने खेल सामग्री की कमी और मैदान की अधूरी सुविधाओं की ओर उनका ध्यान आकर्षित किया।
वार्ता के दौरान पता चला कि फुटबॉल मैदान का गोलपोस्ट अब तक नहीं लगा है और कई खिलाड़ियों को जूते सहित आवश्यक खेल सामग्री उपलब्ध नहीं कराई गई। अधिकारियों ने बताया कि सामग्री दो–तीन दिन पहले ही पहुंची है।
इस पर कड़े तेवर दिखाते हुए डॉ. शर्मा ने कहा—
“सुनिश्चित करें कि सामग्री स्टोर में पड़ी रहकर धूल न खाए। सोमवार तक गोलपोस्ट लग जाए और सभी बच्चों को जूते तथा खेल सामग्री मिल जाए। सोमवार को मैं स्वयं निरीक्षण करने आऊंगी।”
उनकी इस चेतावनी ने अधिकारियों को तुरंत कार्ययोजना बनाने के लिए बाध्य किया।
बच्चों के साथ संवाद और उत्साह
"बच्चों से बच्चों की बात" शीर्षक से आयोजित इस संवाद कार्यक्रम में बच्चे बेहद उत्साहित दिखे। डॉ. शर्मा ने सभी से व्यक्तिगत रूप से बात की, हंसी-मजाक किया और अंत में बच्चे गीत और नृत्य करने लगे, जिनमें वे स्वयं भी शामिल हुईं।
बच्चों ने कहा कि उनकी समस्याएं पहली बार किसी ने इतने ध्यान से सुनी और समाधान का आश्वासन दिया।
कुछ मुद्दे मंत्रालय स्तर पर भेजे जाएंगे
निरीक्षण में कुछ समस्याएं ऐसी पाई गईं, जिनका समाधान मंत्रालय स्तर पर ही संभव है। डॉ. शर्मा ने आश्वस्त किया कि इन विषयों पर माननीय खेल मंत्री से चर्चा कर त्वरित समाधान कराया जाएगा।
अधिकारियों की उपस्थिति
इस अवसर पर खेल विभाग के अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग का बाल संरक्षण अमला और संचालनालय महिला एवं बाल विकास विभाग के वरिष्ठ संयुक्त संचालक नंदलाल चौधरी उपस्थित थे।
कार्यक्रम के अंत में उत्साहित बच्चों ने आयोग की अध्यक्ष से दोबारा आने का वादा लेकर ही उन्हें विदा किया।
