वनांचल क्षेत्र के शिक्षक ओम प्रकाश देव का ग्रामवासियों ने किया सम्मान, मासूलखोई स्कूल बना आदर्श शिक्षा केंद्र
नगरी ब्लॉक के टायगर रिजर्व क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत करही के आश्रित ग्राम मासूलखोई में पदस्थ प्रधान पाठक ओम प्रकाश देव को ग्रामीणों और शाला प्रबंधन समिति ने शाल, श्रीफल और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। ओम प्रकाश देव ने अपने प्रयासों और ग्रामवासियों के सहयोग से स्कूल को आदर्श स्वरूप दिया है।
UNITED NEWS OF ASIA. रिजवान मेमन, नगरी। शिक्षा के क्षेत्र में समर्पण और नवाचार की मिसाल पेश करते हुए वनांचल क्षेत्र के टायगर रिजर्व इलाके के ग्राम पंचायत करही के आश्रित ग्राम मासूलखोई में पदस्थ प्रधान पाठक ओम प्रकाश देव का सम्मान समारोह आयोजित किया गया। ग्रामवासियों और शाला प्रबंधन समिति ने संयुक्त रूप से उन्हें शाल, श्रीफल और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।
ग्रामवासियों ने बताया कि शिक्षक ओम प्रकाश देव ने अपनी निष्ठा, मेहनत और ग्राम समुदाय के सहयोग से स्कूल को नया स्वरूप दिया है। उन्होंने विद्यालय परिसर की साफ-सफाई, सौंदर्यीकरण और बच्चों की शिक्षा गुणवत्ता सुधारने के लिए अनेक कदम उठाए। विद्यालय में चेकर टाइल्स, फूलों की क्यारी, नया आहाता और बच्चों के लिए नई यूनिफॉर्म जैसी सुविधाएं स्वयं के संसाधनों और ग्रामीणों की मदद से उपलब्ध कराईं गईं।
इन प्रयासों से मासूलखोई स्कूल आज पूरे टायगर रिजर्व क्षेत्र में एक आदर्श विद्यालय के रूप में पहचाना जा रहा है। यहां बच्चों की उपस्थिति और शिक्षा के प्रति उत्साह लगातार बढ़ा है। ग्राम के बुजुर्गों ने कहा कि ओम प्रकाश देव जैसे समर्पित शिक्षक ही सच्चे अर्थों में समाज निर्माण का कार्य कर रहे हैं।
समारोह में ग्रामीणों, शाला समिति के सदस्यों और विद्यालय स्टाफ की उपस्थिति रही। सभी ने शिक्षक के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि उनके प्रयासों से न केवल स्कूल की छवि बदली है, बल्कि बच्चों और अभिभावकों के मन में शिक्षा के प्रति सकारात्मक सोच विकसित हुई है।
ग्रामवासियों का कहना है कि यह सम्मान केवल एक व्यक्ति का नहीं, बल्कि पूरे वनांचल क्षेत्र के लिए प्रेरणा का प्रतीक है। मासूलखोई जैसे दुर्गम इलाके में शिक्षक द्वारा किए गए विकासात्मक कार्य शिक्षा क्षेत्र में नई दिशा दे रहे हैं। इस अवसर पर उपस्थित लोगों ने यह भी संकल्प लिया कि वे मिलकर स्कूल को और बेहतर बनाएंगे ताकि यह क्षेत्र का आदर्श शिक्षा केंद्र बना रहे।
