लोकसभा में वंदे मातरम् के 150 वर्ष पर विशेष चर्चा में सांसद संतोष पांडेय ने रखे विचार
कवर्धा सांसद संतोष पांडेय ने लोकसभा में वंदे मातरम् के 150 वर्ष पर विशेष चर्चा में कहा कि वंदे मातरम् राष्ट्र की आत्मा का गीत है, जिसने स्वतंत्रता संग्राम में करोड़ों भारतीयों में साहस और प्रेम जन्म दिया।
UNITED NEWS OF ASIA. कवर्धा | क्षेत्रीय सांसद संतोष पांडेय ने भारतीय लोकतंत्र के मंदिर लोकसभा में वंदे मातरम् के 150 वर्ष पर आयोजित विशेष चर्चा में मुखरता के साथ अपने विचार रखे।
सांसद संतोष पांडेय ने कहा कि वंदे मातरम् कोई धार्मिक गीत नहीं, न किसी व्यक्ति, दल या राज्य का गीत है। यह राष्ट्र की आत्मा का गीत है, भारत के गौरव का गीत है और हर भारतीय के आशाओं-आकांक्षाओं का सुरमयी गीत है। इस गीत ने लाखों भारतीयों में स्वतंत्रता का स्वप्न देखने का साहस पैदा किया और असंख्य वीरों ने यातनाओं और फांसी के तख्तों पर चढ़ते हुए भी “वंदे मातरम्” का उद्घोष कर मातृभूमि के चरणों में अपना सर्वस्व अर्पित किया।
उन्होंने आगे कहा कि विकसित भारत @2047 की कल्पना वंदे मातरम् गीत के बिना अधूरी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में यह उत्सव पूरे देश में मनाया जा रहा है। सांसद ने विपक्ष पर टिप्पणी करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी के नेताओं द्वारा “इण्डिया इस इंदिरा, इंदिरा इस इंडिया” जैसे नारे देश की मातृभूमि के प्रति उनके दृष्टिकोण को दर्शाते हैं।
संतोष पांडेय ने यह स्पष्ट किया कि हमारे लिए मातृभूमि मात्र जमीन का टुकड़ा नहीं है, बल्कि यह भारत माता है। उन्होंने पंडित नेहरू के अक्साई चिन के संदर्भ में कथन “यह एक बंजर जमीन है, जहाँ घास तक नहीं उगती” का उल्लेख करते हुए कहा कि केवल भूमि को मात्रभूमि कहा जा सकता है, लेकिन हमारी मातृभूमि भारतीयों के लिए आत्मा, गौरव और स्वाभिमान का प्रतीक है।