नई गाइडलाइन के विरोध में पंजीयन समस्या निवारण संगठन का प्रदर्शन, कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

पंजीयन समस्या निवारण संगठन ने जमीन की नई गाइडलाइन में गंभीर त्रुटियों का आरोप लगाते हुए रायपुर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। संगठन ने मांग की कि नई गाइडलाइन तुरंत निरस्त की जाए, क्योंकि इससे शहरी व ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में स्टाम्प ड्यूटी और पंजीयन शुल्क में अत्यधिक वृद्धि हुई है, जिससे आम खरीदारों और जमीन व्यवसायियों को भारी परेशानी हो रही है।

Nov 27, 2025 - 12:18
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नई गाइडलाइन के विरोध में पंजीयन समस्या निवारण संगठन का प्रदर्शन, कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

 UNITED NEWS OF ASIA. अमृतेश्वर सिंह, रायपुर | पंजीयन समस्या निवारण संगठन द्वारा राज्य सरकार की नई पंजीयन गाइडलाइन के खिलाफ लगातार आंदोलन किया जा रहा है। इसी क्रम में आज संगठन के सभी सदस्य रायपुर कलेक्टर से मिले और उन्हें ज्ञापन सौंपकर अवगत कराया कि जमीन के पंजीयन की नई गाइडलाइन में गंभीर त्रुटियाँ हैं। संगठन की मांग है कि नई गाइडलाइन को तुरंत प्रभाव से निरस्त किया जाए।

संगठन के सदस्यों का कहना है कि यदि सरकार को दरें बढ़ानी ही थीं, तो इसके लिए जमीन के जानकारों की सलाह लेकर एक समझदारीपूर्ण और संतुलित फैसला किया जाना चाहिए था, ताकि लोगों को किसी प्रकार की हानि या परेशानी न हो।

जानकारों के अनुसार, नई गाइडलाइन दरें कई क्षेत्रों में बाजार दर से भी अधिक हो गई हैं। शहरी क्षेत्रों में रजिस्ट्री शुल्क 200 से 400 प्रतिशत तक बढ़ गया है, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में 50 से 400 प्रतिशत तक की वृद्धि दर्ज की गई है। रायपुर के आसपास के गांवों में जहां पहले एक हेक्टेयर जमीन पर 25–30 लाख रुपये का स्टाम्प लगता था, वहीं अब यह बढ़कर 1 से 1.5 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। इसके अलावा पंजीयन शुल्क अलग से देय होगा।

जमीन कारोबारियों का कहना है कि सात नवंबर को रजिस्ट्री से जुड़े नियमों में संशोधन किया गया था, जिसमें पहले से ही कई विसंगतियाँ मौजूद थीं। अब अचानक नई गाइडलाइन लागू करने से आम खरीदारों, पक्षकारों और जमीन कारोबार से जुड़े लोगों को गंभीर दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।