रेलवे ने थोक सीमेंट ढुलाई दरों में कटौती की, किफायती आवास के लिए राहत
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रेलवे के थोक सीमेंट परिवहन शुल्क में कटौती और नए बल्क सीमेंट टर्मिनलों के लिए नीति की घोषणा की। नई दर 0.90 रुपये प्रति टन प्रति किलोमीटर निर्धारित की गई है। यह सुधार मध्यम और निर्धन परिवारों को किफायती आवास निर्माण में मदद करेगा। टैंक कंटेनरों और बहु-आधार लॉजिस्टिक्स से वितरण कुशल और पर्यावरण अनुकूल होगा।
UNITED NEWS OF ASIA. हसिब अख्तर, नई दिल्ली। केंद्रीय रेल, सूचना एवं प्रसारण, तथा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आज थोक सीमेंट के माल ढुलाई शुल्क में कटौती और नए बल्क सीमेंट टर्मिनलों के लिए नीति का अनावरण किया। नई नीति के तहत फ्लैट दर प्रणाली अपनाई गई है, जिसमें अब दूरी और भार के स्लैब हटा दिए गए हैं। परिवहन शुल्क 0.90 रुपये प्रति टन प्रति किलोमीटर तय किया गया है।
वैष्णव ने बताया कि टैंक कंटेनर थोक सीमेंट परिवहन के लिए प्रदूषण मुक्त और कुशल लॉजिस्टिक्स समाधान हैं। कंटेनरों का मानक आकार 20 फीट × 8 फीट × 8.5 फीट है, पेलोड क्षमता 26 टन और सकल भार 31 टन। प्रत्येक कंटेनर को लोड/अनलोड करने में केवल 25-30 मिनट का समय लगता है, जिससे उत्पादन से उपभोग तक निर्बाध मल्टी-मॉडल वितरण संभव होता है।
नई नीति का उद्देश्य मध्यम और निर्धन वर्ग के परिवारों के लिए अपने घरों के निर्माण में लागत कम करना है। इसके अलावा, नीति “बल्क सीमेंट टर्मिनल” के तहत देश भर में टर्मिनलों के निर्माण, संचालन और रखरखाव को रेलवे नेटवर्क से सीधे जोड़ा जाएगा। टर्मिनल में हॉपर, साइलो, बैगिंग प्लांट और अन्य आवश्यक सुविधाएं होंगी, जिससे सीमेंट का कुशल भंडारण और वितरण सुनिश्चित होगा।
इस सुधार से सीमेंट परिवहन की लागत में कमी, सड़क पर भीड़भाड़ में कमी और कार्बन उत्सर्जन में गिरावट आएगी। एक ही खेप में बड़ी मात्रा में सीमेंट की ढुलाई संभव होगी, पैकेजिंग और रिसाव से नुकसान कम होगा। मशीनीकृत लोडिंग और अनलोडिंग से तेज़ टर्नअराउंड समय सुनिश्चित होगा और लॉजिस्टिक्स की समग्र दक्षता बढ़ेगी।
रेलवे सुधारों के इस कदम से किफायती आवास निर्माण को बढ़ावा मिलेगा और भारतीय रेलवे के मालवाहन दक्षता तथा पर्यावरण अनुकूलता में सुधार होगा।