महान साहित्यकार विनोद कुमार शुक्ल के निधन पर विधायक पुरंदर मिश्रा ने जताया शोक

हिंदी साहित्य के महान साधक एवं ज्ञानपीठ सम्मानित साहित्यकार विनोद कुमार शुक्ल के निधन पर उत्तर विधानसभा क्षेत्र के विधायक पुरंदर मिश्रा ने गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने इसे छत्तीसगढ़ सहित देश के साहित्य जगत के लिए अपूरणीय क्षति बताया।

Dec 24, 2025 - 15:14
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महान साहित्यकार विनोद कुमार शुक्ल के निधन पर विधायक पुरंदर मिश्रा ने जताया शोक

 UNITED NEWS OF ASIA.अमृतेश्वर सिंह, रायपुर। हिंदी साहित्य के अप्रतिम साधक, संवेदनशील रचनाकार एवं छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक पहचान रहे महान साहित्यकार  विनोद कुमार शुक्ल के निधन से साहित्य जगत शोकाकुल है। उनके निधन पर उत्तर विधानसभा क्षेत्र के विधायक पुरंदर मिश्रा ने गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए इसे न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे देश के साहित्य संसार के लिए एक अपूरणीय क्षति बताया है।

विधायक  मिश्रा ने शोक संदेश में कहा कि विनोद कुमार शुक्ल जी हिंदी साहित्य की ऐसी विलक्षण प्रतिभा थे, जिन्होंने अपनी लेखनी से साधारण जनजीवन को असाधारण गरिमा प्रदान की। उनकी रचनाओं में मानवीय संवेदना, सादगी और गहराई का अद्भुत समन्वय देखने को मिलता है। उन्होंने कहा कि शुक्ल की रचनाएँ जीवन की सूक्ष्म अनुभूतियों को शब्दों में ढालने की अद्वितीय क्षमता रखती हैं, जो पाठकों को भीतर तक छू जाती हैं।

 मिश्रा ने कहा कि ‘नौकर की कमीज’, ‘दीवार में एक खिड़की रहती थी’ जैसी कालजयी कृतियाँ हिंदी साहित्य की अमूल्य धरोहर हैं। इन रचनाओं के माध्यम से विनोद कुमार शुक्ल जी ने आम आदमी के जीवन, उसकी पीड़ा, आशा और संघर्ष को अत्यंत सरल लेकिन प्रभावशाली भाषा में प्रस्तुत किया। उनकी लेखनी ने यह सिद्ध किया कि साहित्य की महानता शब्दों की जटिलता में नहीं, बल्कि भावों की सच्चाई में होती है।

विधायक पुरंदर मिश्रा ने आगे कहा कि विनोद कुमार शुक्ल जी छत्तीसगढ़ की माटी से उपजे ऐसे साहित्यकार थे, जिन्होंने अपनी पहचान राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बनाई। उनका साहित्य आने वाली पीढ़ियों के लिए न केवल प्रेरणा का स्रोत रहेगा, बल्कि मानवीय मूल्यों और संवेदनशीलता का मार्गदर्शन भी करता रहेगा।

उन्होंने दिवंगत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना करते हुए शोक संतप्त परिवार, परिजनों तथा असंख्य पाठकों और साहित्य प्रेमियों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की।  मिश्रा ने कहा कि यह क्षति कभी पूरी नहीं की जा सकती, किंतु उनका साहित्य सदैव जीवित रहेगा और उन्हें अमर बनाए रखेगा।

ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें और शोकाकुल परिवार को इस अपार दुःख को सहन करने की शक्ति दें।