एप्लास्टिक एनीमिया की पैथोफिज़ियोलॉजी एवं होम्योपैथिक दृष्टिकोण पर कोलकाता में डॉ. ए.के. द्विवेदी का व्याख्यान

एचएमएआई के स्वर्ण जयंती सम्मेलन 2025 में इंदौर के वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ. ए.के. द्विवेदी एप्लास्टिक एनीमिया विषय पर वैज्ञानिक व्याख्यान देंगे। इस अखिल भारतीय सम्मेलन में एसकेआरपी गुजराती होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज के दो वक्ता शामिल होंगे।

Dec 24, 2025 - 15:21
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एप्लास्टिक एनीमिया की पैथोफिज़ियोलॉजी एवं होम्योपैथिक दृष्टिकोण पर कोलकाता में डॉ. ए.के. द्विवेदी का व्याख्यान

 UNITED NEWS OF ASIA. हसिब अख्तर, इंदौर। होम्योपैथिक चिकित्सा की देश की शीर्ष एवं प्रतिष्ठित संस्था होम्योपैथिक मेडिकल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एचएमएआई) द्वारा आयोजित स्वर्ण जयंती समारोह–2025 का भव्य आयोजन 26 से 28 दिसंबर 2025 तक सिटी ऑफ जॉय कोलकाता में किया जा रहा है। इस ऐतिहासिक अखिल भारतीय सम्मेलन में देशभर से लगभग 5000 होम्योपैथिक चिकित्सक, शोधकर्ता, शिक्षक एवं छात्र-छात्राएं सहभागिता करेंगे।

इस प्रतिष्ठित मंच पर इंदौर के वरिष्ठ, अनुभवी एवं ख्यातिप्राप्त होम्योपैथिक चिकित्सक, प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष (फिज़ियोलॉजी एवं बायोकेमिस्ट्री), एस.के.आर.पी. गुजराती होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज, इंदौरडॉ. ए.के. द्विवेदी को बतौर वक्ता आमंत्रित किया गया है। डॉ. द्विवेदी सम्मेलन के दूसरे दिन 27 दिसंबर को दोपहर 3.30 से 5.00 बजे के मध्य हॉल नंबर–6 में
“एप्लास्टिक एनीमिया : रोग की पैथोफिज़ियोलॉजी एवं होम्योपैथिक दृष्टिकोण” विषय पर अपना वैज्ञानिक व्याख्यान प्रस्तुत करेंगे।

अपने संबोधन में डॉ. द्विवेदी एप्लास्टिक एनीमिया एवं हायपोप्लास्टिक बोन मैरो डिसऑर्डर जैसे गंभीर रक्त विकारों की रोग-प्रक्रिया, उनके कारण, नैदानिक लक्षणों तथा होम्योपैथिक प्रबंधन पर विस्तार से प्रकाश डालेंगे। वे अपने दीर्घकालीन चिकित्सकीय अनुभव एवं शोध आधारित निष्कर्षों के माध्यम से यह स्पष्ट करेंगे कि किस प्रकार होम्योपैथी इन जटिल रक्त विकारों के समग्र उपचार में प्रभावी भूमिका निभा सकती है। यह सत्र विशेष रूप से चिकित्सा शिक्षकों, शोधकर्ताओं एवं प्रैक्टिशनर्स के लिए अत्यंत उपयोगी माना जा रहा है।

इसी सम्मेलन में एस.के.आर.पी. गुजराती होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज, इंदौर के प्राचार्य डॉ. एस.पी. सिंह भी बतौर वक्ता सहभागिता करेंगे। उनका व्याख्यान प्राथमिक हाइपोथायरॉयडिज़्म के होम्योपैथिक प्रबंधन तथा थायरॉयड एट्रॉफी की रोकथाम में थायरॉयडिनम की प्रभावशीलता पर आधारित केस रिपोर्ट पर केंद्रित रहेगा।

डॉ. द्विवेदी को आमंत्रित किए जाने पर एचएमएआई की वैज्ञानिक समिति के संयुक्त सचिव डॉ. भार्गव चट्टोपाध्याय ने उनके सतत शोध, शिक्षण एवं सामाजिक योगदान को होम्योपैथी के क्षेत्र में प्रेरणादायी बताया। उल्लेखनीय है कि डॉ. द्विवेदी केंद्र सरकार के एनीमिया मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत वर्षों से एनीमिया जागरूकता को जन-आंदोलन का स्वरूप दे रहे हैं।

कोलकाता में आयोजित यह स्वर्ण जयंती सम्मेलन एचएमएआई के 50 वर्षों की चिकित्सा सेवा, शोध एवं साधना का प्रतीक है। ऐसे में एसकेआरपी गुजराती होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज, इंदौर के शिक्षकों की सहभागिता संस्था एवं भारतीय होम्योपैथी — दोनों के लिए गौरव का विषय है।