ग्राम सर्रागोंदी में कटे पीपल के स्थान पर बनेगा भव्य हनुमान मंदिर – विधायक यशोदा वर्मा ने की ₹3 लाख की घोषणा, देवला बाई के हाथों होगा भूमिपूजन
सर्रागोंदी गांव में हरे-भरे पीपल वृक्ष को काटे जाने पर आक्रोश फैला। विधायक यशोदा वर्मा ने मंदिर निर्माण हेतु 3 लाख रुपये देने की घोषणा की और भूमिपूजन 90 वर्षीय देवला बाई से कराने की बात कही।

UNITED NEWS OF ASIA. मनोहर सेन, खैरागढ़ | ग्राम सर्रागोंदी की सरकारी जमीन पर स्थापित हरे-भरे पीपल वृक्ष की कटाई ने पूरे प्रदेश और देशभर में आस्था और संवेदना की लहर दौड़ा दी है। यह वही पेड़ था जिसे 90 वर्षीय देवला बाई पटेल ने 25 वर्ष पहले श्रद्धा से रोपा था और दैनिक पूजा करती थीं। रविवार की रात, विधायक यशोदा वर्मा के अनुसार, इस वृक्ष को व्यापारी इमरान मेमन के अधीन हाथों से काट दिया गया, जिसके चलते ग्रामीणों में भारी आक्रोश व्याप्त हो गया।
ग्रामीणों की शिकायत पर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए इमरान मेमन और मजदूर प्रकाश कोसरे को गिरफ्तार किया। न्यायालय ने उन्हें जेल भेज दिया। कटे वृक्ष की घटना ने हिंदू समाज की भावनाओं को गहरा आहत किया।
इस घटना के जवाब में, भाजपा, विश्व हिंदू परिषद और अन्य स्वयंसेवी संगठन ग्राम सर्रागोंदी पहुंच गए। वहीं, देवला बाई पटेल ने कांपते हाथों से उसी स्थान पर नया पीपल रोपा। ग्रामीणों ने उस स्थान को श्रद्धा स्थल घोषित किया और भव्य हनुमान मंदिर निर्माण का संकल्प लिया।
इस मौके पर कांग्रेस विधायक यशोदा नीलांबर वर्मा भी सर्रागोंदी पहुँचीं। उन्होंने कटे वृक्ष की पूजा-अर्चना की और कहा — “यह केवल पेड़ नहीं था, बल्कि देवत्व का प्रतीक था। इसकी जड़ों से पत्तों तक ईश्वर का वास होता है।” उन्होंने इस घटना से गहरा आघात महसूस किया। विधायक ने विधायक निधि से 3 लाख रुपये देने की घोषणा की और कहा कि मंदिर का भूमिपूजन 90 वर्षीय देवला बाई के हाथों किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 1 महीने के भीतर मंदिर निर्माण कार्य शुरू होगा।
वहीं स्थानीय प्रतिनिधियों जैसे मनराखन देवांगन, दीपक देवांगन, सरपंच फुलेश्वरी साहू, रामावतार साहू, उपसरपंच मेघुराम साहू सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहे और समर्थन जताया।
यह घटना सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुई और केंद्रीय नेताओं से लेकर आम जनता तक में प्रतिक्रिया उत्पन्न हुई। लोग एक स्वर से कह रहे हैं — “आस्था को काटा जा सकता है, मिटाया नहीं।”
सर्रागोंदी की यह घटना न केवल आस्था का मामला है, बल्कि यह संस्कृति, पहचान और सामाजिक सद्भाव की प्रतीक्षा है। विधायक की घोषणाओं और जनता की जागरूकता से अब यह मामला सिर्फ विवाद न रहकर विकास और एकता का प्रतीक बनता दिखाई दे रहा है।