आचार संहिता में 41 लाख का आहरण! 21 पंचायत सचिवों पर नोटिस के बाद भी कार्रवाई शून्य

तखतपुर जनपद क्षेत्र में आचार संहिता के दौरान 15वें वित्त आयोग की राशि का अवैध आहरण कर 21 सचिवों ने गंभीर नियम उल्लंघन किया। जिला पंचायत CEO ने जुलाई में नोटिस जारी किया, लेकिन चार महीने बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। सचिवों का दावा—आदेश नहीं मिला। प्रशासन का जवाब—तकनीकी मामला, रायपुर से मार्गदर्शन मांगा गया है। कुल आहरित राशि 41 लाख से अधिक।

Nov 19, 2025 - 13:33
Nov 19, 2025 - 14:57
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आचार संहिता में 41 लाख का आहरण! 21 पंचायत सचिवों पर नोटिस के बाद भी कार्रवाई शून्य

 UNITED NEWS OF ASIA. तखतपुर। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की आचार संहिता के बीच जनपद क्षेत्र में बड़ा खुलासा हुआ है। विभिन्न पंचायतों के तत्कालीन सचिवों ने आचार संहिता लागू होने के बावजूद 15वें वित्त आयोग मद से 41 लाख रुपये से अधिक की राशि का आहरण कर लिया। यह छत्तीसगढ़ पंचायत सेवा नियम 1998 का सीधा उल्लंघन माना जा रहा है।

जिला पंचायत CEO ने इस गंभीर मामले पर जुलाई में 21 पंचायत सचिवों को नोटिस जारी करते हुए तीन दिनों के भीतर जवाब मांगने को कहा था। हालांकि, चार महीने गुजर जाने के बाद भी किसी सचिव पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है, जिससे शासन-प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

सचिवों का दावा— “आदेश नहीं मिला था”

जब पंचायत सचिवों से बात की गई तो उन्होंने कहा कि आचार संहिता लगने के बाद राशि रोकने या भुगतान न लेने का कोई स्पष्ट आदेश नहीं मिला था।
इरॉनिक रूप से यही सचिव ग्रामीणों की समस्याएं सुनने से पहले “आचार संहिता” का हवाला देकर कार्यों को टालते रहे, लेकिन फंड आहरण के समय उन्हें किसी आदेश की आवश्यकता महसूस नहीं हुई।

CEO का पक्ष — “तकनीकी मामला, रायपुर से मार्गदर्शन मांगा”

जिला पंचायत CEO संदीप कुमार अग्रवाल ने बताया कि सभी सचिवों ने अपने-अपने जवाब प्रस्तुत कर दिए हैं।
उनके मुताबिक, कई मामलों में बिल पहले ही प्रस्तुत किया जा चुका था और राशि कुछ दिन बाद खाते में प्रदर्शित हुई, इसलिए इसे तकनीकी मामला मानकर रायपुर संचालनालय से मार्गदर्शन मांगा गया है।
CEO ने कहा कि निर्देश मिलते ही कार्रवाई की जाएगी।

 आचार संहिता के दौरान इन पंचायतों में आहरित राशि

पंचायत राशि (₹)
अमसेना 2,69,511
अरईबंद 2,22,000
बहतराई 75,600
भाड़म 7,74,000
भिलौनी 1,00,500
भुन्डा 1,30,674
ढनढन 1,59,500
गमजू 1,38,496
घोरामार 2,02,336
जोंकी 1,62,819
खपरी 16,30,000
खरकेना 1,81,000
लखासार 1,48,000
लिदरी 1,20,000
मरहीकापा 80,337
निरतु 85,000
पेंड्री 1,30,095
रानीडेरा 2,10,000
सफरीभाटा 2,60,000
सलहैया 3,54,130
ठाकुरकापा 1,36,392

कुल राशि — 41 लाख से अधिक

 मुख्य सवाल — कार्रवाई कब तक?

चार महीने बीतने के बाद भी किसी सचिव पर कार्रवाई न होना कई संदेह खड़े करता है।
क्या प्रशासन इस मामले में इच्छाशक्ति नहीं दिखा रहा?
क्या जवाब आने के नाम पर फाइलों को जानबूझकर ठंडे बस्ते में डाला जा रहा?
या फिर किसी बड़े निर्णय की प्रतीक्षा में कार्रवाई टाली जा रही है?

ग्रामीणों से लेकर पंचायत कर्मियों तक—सभी की निगाहें अब जिला प्रशासन पर टिकी हैं कि इस वित्तीय अनियमितता पर कब और क्या कार्रवाई होती है।