कैंसर की राजधानी बना मेवात: 9 गांवों में 100 से अधिक मरीज, DC ने दिए सैंपलिंग के आदेश

हरियाणा का मेवात जिला कैंसर के बढ़ते मामलों से चिंताजनक स्थिति में है। अब तक 9 गांवों में 100 से अधिक मरीज पाए गए हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, दूषित ड्रेन पानी और बूचड़खानों के कारण कैंसर तेजी से फैल रहा है। डीसी अखिल पिलानी ने स्वास्थ्य विभाग को सैंपलिंग और जांच के आदेश दिए हैं।

Nov 3, 2025 - 16:47
 0  5
कैंसर की राजधानी बना मेवात: 9 गांवों में 100 से अधिक मरीज, DC ने दिए सैंपलिंग के आदेश

UNITED NEWS OF ASIA. नूंह /हरियाणा | कभी साहस और स्वाभिमान की पहचान रहा हरियाणा का मेवात जिला आज एक गंभीर स्वास्थ्य संकट से जूझ रहा है। यहां कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, जिससे पूरा स्वास्थ्य तंत्र चिंता में है। अब तक 9 गांवों में 100 से अधिक कैंसर के मरीज सामने आ चुके हैं, जिनमें से 30 लोगों की मौत हो चुकी है।

कैंसर के अधिकांश मामले उन जगहों से सामने आ रहे हैं, जहां से उजीना ड्रेन गुजरती है या बूचड़खाने और हड्डी पीसने वाले प्लांट मौजूद हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि इन इलाकों में बहने वाला गुड़गांव कैनाल का रासायनिक पानी खेतों में पहुंचकर फसलों और भूजल को प्रदूषित कर रहा है, जो बीमारी की मुख्य वजह बन रहा है।

स्वास्थ्य विभाग लंबे समय से इस समस्या की अनदेखी करता आ रहा था। हालांकि अब नूंह के डीसी अखिल पिलानी ने हाल ही में पिनगवां ब्लॉक के फैलेंडी गांव में ग्रामीणों की शिकायत सुनने के बाद स्वास्थ्य विभाग को सैंपलिंग और जांच के आदेश दिए हैं। उनके निर्देश के बाद अब पानी और मरीजों के सैंपल लिए जाएंगे ताकि वास्तविक कारणों का पता लगाया जा सके।

टपकन गांव सबसे प्रभावित
रिपोर्ट्स के मुताबिक, सबसे अधिक कैंसर मरीज नूंह के टपकन गांव से हैं। एक साल पहले यहां 25 से अधिक मरीजों की पुष्टि हुई थी। इसके अलावा झारकोड़ी, बिछोर, रीगड, फिरोजपुर झिरका और निजामपुर जैसे गांवों में भी कैंसर के कई मामले दर्ज हैं।

विधानसभा में उठ चुका है मुद्दा
नूंह के विधायक आफताब अहमद पहले ही विधानसभा में इस मुद्दे को उठा चुके हैं। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा था कि “एक साल पहले टपकन गांव की सैंपलिंग की गई थी, लेकिन अब तक उसकी रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई।”

स्थानीय लोगों में भय का माहौल
लगातार बढ़ते कैंसर के मामलों ने ग्रामीणों को भयभीत कर दिया है। उनका कहना है कि अगर प्रशासन ने अब भी कार्रवाई नहीं की तो मेवात में स्थिति और गंभीर हो सकती है।

स्वास्थ्य विभाग ने आश्वासन दिया है कि सभी प्रभावित गांवों में पानी की जांच, सैंपलिंग और कैंसर स्क्रीनिंग कैंप जल्द लगाए जाएंगे ताकि बीमारी के कारणों की पुष्टि की जा सके और प्रभावित लोगों को त्वरित राहत मिल सके।