सुरक्षाबलों की ऐतिहासिक सफलता: कुख्यात माओवादी कमांडर हिडमा और पत्नी राजे मुठभेड़ में ढेर, 6 नक्सली मारे गए
छत्तीसगढ़–आंध्र प्रदेश सीमा पर ग्रेहाउंड्स और माओवादियों के बीच मुठभेड़ में बड़ा ऑपरेशन सफल रहा, जिसमें कुख्यात माओवादी कमांडर माडवी हिडमा, उसकी पत्नी राजे और सब जोनल कमेटी मेंबर सुरेश सहित 6 नक्सली ढेर हो गए। हिडमा झीरम घाटी, दंतेवाड़ा और सुकमा जैसे बड़े हमलों का मास्टरमाइंड था। IG सुंदरराज ने इसे वामपंथी उग्रवाद के विरुद्ध ऐतिहासिक सफलता बताया।
UNITED NEWS OF ASIA.छत्तीसगढ़–आंध्र प्रदेश की सीमा पर सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच हुई बड़ी मुठभेड़ में सुरक्षाबलों को ऐतिहासिक सफलता मिली है, जहां आंध्र प्रदेश की स्पेशल ग्रेहाउंड फोर्स ने अल्लूरी सीताराम राजू जिले के मारेदुमिल्ली क्षेत्र में एक बड़े ऑपरेशन के दौरान कुख्यात माओवादी कमांडर और CPI (माओवादी) की PLGA बटालियन नंबर 1 के प्रमुख तथा केंद्रीय समिति सदस्य माडवी हिडमा को मार गिराया, जिसकी हत्या की पुष्टि शुरुआती स्तर पर सामने आई है।
इस मुठभेड़ में हिडमा की पत्नी और डिविजनल कमेटी मेंबर राजे (राजक्का), सब जोनल कमेटी मेंबर चेल्लुरी नारायण उर्फ सुरेश, टेक शंकर सहित कुल 6 नक्सली ढेर कर दिए गए, जबकि दो अन्य मृत माओवादी की पहचान की प्रक्रिया जारी है। हिडमा, जिसका असली नाम संतोष माड़वी था, बस्तर क्षेत्र का सबसे खूंखार माओवादी चेहरा था और वह दंतेवाड़ा 2010 हमले, 2013 के झीरम घाटी नरसंहार और 2021 सुकमा-बीजापुर मुठभेड़ जैसे 26 बड़ी वारदातों का मुख्य मास्टरमाइंड माना जाता था।
43 वर्षीय हिडमा पर एक करोड़ रुपये का इनाम घोषित था और वह 200–250 सशस्त्र कैडर के साथ चलता था। नक्सल संगठन ने हाल ही में उसे केंद्रीय समिति का सदस्य बनाया था और वह बस्तर से इस पद तक पहुंचने वाला अकेला आदिवासी कैडर था, जिसकी क्रूर रणनीतियों और हमलों की क्षमता ने उसे सबसे खतरनाक ऑपरेशनल कमांडर बना दिया था।
उसकी पत्नी राजे भी DVCM स्तर की सक्रिय माओवादी थी और लंबे समय से सुरक्षा एजेंसियों की निगरानी में थी। मुठभेड़ के बाद इलाके में सर्च ऑपरेशन और भी तेज कर दिया गया है, जबकि सीमावर्ती छत्तीसगढ़ क्षेत्र में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। IG पी. सुंदरराज ने प्रारंभिक जानकारी के आधार पर कहा कि आधिकारिक पुष्टि के बाद यह देश में वामपंथी उग्रवाद के उन्मूलन की दिशा में अब तक का सबसे बड़ा मोड़ साबित हो सकता है।