प्राकृतिक चिकित्सा शिविर का शुभारंभ: मिट्टी चिकित्सा, धूप स्नान और मानसिक स्वास्थ्य पर विशेषज्ञों ने दिए महत्वपूर्ण संदेश

इंदौर में शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास और आयुष मेडिकल वेलफेयर फाउंडेशन द्वारा आयोजित तीन दिवसीय प्राकृतिक चिकित्सा शिविर की शुरुआत मिट्टी चिकित्सा से हुई। उद्घाटन सत्र में डॉ. योगेश शाह, डॉ. ए.के. द्विवेदी और डॉ. वैभव चतुर्वेदी सहित विशेषज्ञों ने मिट्टी चिकित्सा, धूप स्नान और मानसिक स्वास्थ्य पर महत्वपूर्ण विचार साझा किए। शिविर में प्रतिभागियों को विशेष मिट्टी लेप, स्वास्थ्य मार्गदर्शन और नेचुरोपैथिक प्रमाण–पत्र प्रदान किए गए।

Nov 18, 2025 - 13:41
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प्राकृतिक चिकित्सा शिविर का शुभारंभ: मिट्टी चिकित्सा, धूप स्नान और मानसिक स्वास्थ्य पर विशेषज्ञों ने दिए महत्वपूर्ण संदेश

 UNITED NEWS OF ASIA.हसिब अख्तर,  रायपुर | इंदौर में शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास, नई दिल्ली, शिक्षा स्वास्थ्य न्यास (मालवा प्रांत) और आयुष मेडिकल वेलफेयर फाउंडेशन द्वारा आयोजित तीन दिवसीय प्राकृतिक चिकित्सा शिविर का शुभारंभ 16 नवंबर को निःशुल्क मिट्टी चिकित्सा से हुआ, जिसमें मुख्य अतिथि वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. योगेश शाह, विशिष्ट अतिथि साइंटिस्ट मनोज तिवारी, एडीजे  अविनाश शर्मा, सीनियर कंसलटेंट साइकेट्रिस्ट डॉ. वैभव चतुर्वेदी, डॉ. अविनाश यादव और पार्षद राजीव जैन उपस्थित रहे। अध्यक्षता डॉ. ए.के. द्विवेदी ने की, जिन्होंने कहा कि मिट्टी न केवल कृषि बल्कि मानव स्वास्थ्य के लिए अत्यंत उपयोगी है, जो शरीर की गर्मी को कम कर विषैले तत्वों को बाहर निकालने और प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक है।

उद्घाटन सत्र में डॉ. योगेश शाह ने कहा कि आधुनिक जीवनशैली लोगों को मानसिक रूप से अप्राकृतिक बना रही है और प्राकृतिक चिकित्सा से दूरी बढ़ रही है, वहीं साइंटिस्ट मनोज तिवारी ने समाजहित को हर कार्य का आधार बताते हुए अनुसंधान के महत्व पर जोर दिया। एडीजे  शर्मा ने प्राकृतिक चिकित्सा की प्राचीन परंपरा का उल्लेख करते हुए मिट्टी चिकित्सा के प्रति अपनी समझ साझा की। साइकेट्रिस्ट डॉ. वैभव चतुर्वेदी ने बताया कि प्रतिदिन 10 से 15 मिनट का धूप स्नान विंटर डिप्रेशन या SAD से बचा सकता है, क्योंकि धूप से मिलने वाला विटामिन D सेरोटोनिन को सक्रिय करता है, जो मन को प्रसन्न रखता है।

 पार्षद राजीव जैन ने डॉ. द्विवेदी के प्रयासों की सराहना की, जबकि रहवासी सुनील चंद्रन ने डॉक्टरों को कोरोना काल के ‘धरती के भगवान’ बताते हुए शिविर आयोजन को सराहा। शिविर में विशेष रूप से तैयार मिट्टी लेप—जिसमें चंदन, मुलतानी मिट्टी, कपूर, हल्दी, घी, केसर और गुलाब जल सम्मिलित थे—का उपयोग कर प्रतिभागियों को मिट्टी स्नान कराया गया, तथा कई युवाओं ने भी धूप स्नान का लाभ लिया। आयुष मेडिकल वेलफेयर फाउंडेशन ने सभी प्रतिभागियों को नेचुरोपैथिक सचेतक प्रमाण–पत्र वितरित किए, जबकि एक प्रतिभागी ने बताया कि मिट्टी चिकित्सा से जुड़ा भ्रम दूर हुआ और उन्हें तुरंत राहत मिली।

 कार्यक्रम का संचालन दीपक उपाध्याय ने और आभार विनय पांडेय ने व्यक्त किया, जबकि डॉ. ऋषभ जैन ने अतिथियों का स्वागत किया। कुल 38 प्रतिभागियों सहित अनेक नागरिक उपस्थित रहे, और घोषणा की गई कि शिविर के दूसरे दिन सुबह 9 से 11:30 बजे तक मिट्टी चिकित्सा उपलब्ध रहेगी, जिसके लिए पंजीयन की व्यवस्था की गई है।