लोरमी में उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने सपत्नीक चिन्मयानंद बापू के श्रीमुख से सुनी श्रीराम कथा

लोरमी के ऐतिहासिक मानस मंच पर चल रही चिन्मयानंद बापू जी की श्रीराम कथा में उप मुख्यमंत्री अरुण साव सपत्नीक शामिल हुए। उन्होंने भगवान श्रीराम की आराधना करते हुए कहा कि मानस मंच किसी तीर्थ से कम नहीं है और छत्तीसगढ़ की यह भूमि प्रभु श्रीराम के पुरुषार्थ व मर्यादा की साक्षी रही है।

Nov 5, 2025 - 20:05
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लोरमी में उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने सपत्नीक चिन्मयानंद बापू के श्रीमुख से सुनी श्रीराम कथा

UNITED NEWS OF ASIA. हसीब अख्तर, लोरमी। धर्मनगरी लोरमी के ऐतिहासिक मानस मंच पर चल रही श्रीराम कथा के पावन अवसर पर आज उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव सपत्नीक पहुंचे और चिन्मयानंद बापू जी के श्रीमुख से श्रीराम कथा का श्रवण किया। श्री साव ने कथा व्यास में विराजमान बापू जी के श्रीचरणों में नमन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। इस अवसर पर उन्होंने लोरमी की आस्था का प्रतीक — बेर से बनी विश्व की सबसे बड़ी प्रभु श्रीराम की रंगोली की प्रति भेंट की।

कथा पांडाल में उपस्थित श्रद्धालुओं ने उप मुख्यमंत्री दंपत्ति का गर्मजोशी से स्वागत किया। श्री साव ने मंच से संबोधित करते हुए कहा कि “मानस मंच बीते चार दशकों से श्रीराम कथा का साक्षी रहा है और यह स्थान किसी तीर्थ से कम नहीं है। इसका भव्य निर्माण भगवान श्रीराम की प्रेरणा से हुआ है। इसे किसी व्यक्ति ने नहीं, बल्कि लोरमी की जनता की आस्था और श्रद्धा ने बनाया है।”

 

उन्होंने आगे कहा कि भगवान श्रीराम छत्तीसगढ़ के कण-कण में विद्यमान हैं। वनवास काल के दौरान प्रभु श्रीराम ने अपने जीवन का महत्वपूर्ण समय इसी पवित्र भूमि पर व्यतीत किया था। इस धरती ने उनके पुरुषार्थ, मर्यादा और धर्मपालन का साक्षात्कार किया है।

 

उप मुख्यमंत्री साव ने कहा — “मुझे जो भी प्राप्त हुआ है, वह सब प्रभु श्रीराम के आशीर्वाद से ही मिला है। मैंने अपने जीवन के हर कार्य में श्रीराम की मर्यादा और आदर्शों को अपनाने का प्रयास किया है। जो कुछ भी अर्जित किया है, वह सब प्रभु श्रीराम के चरणों में समर्पित है।”

उन्होंने श्रद्धालुओं से आह्वान किया कि श्रीराम कथा केवल श्रवण का माध्यम नहीं, बल्कि चरित्र निर्माण और जीवन पथ के निर्देशन का अवसर है। कथा से जो संदेश मिलता है, उसे जीवन में उतारना ही सच्ची भक्ति है।

 

इस अवसर पर नगर के गणमान्य नागरिक, सामाजिक कार्यकर्ता, श्रीराम समिति के पदाधिकारी और बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे। मंच से चिन्मयानंद बापू जी ने भी भगवान श्रीराम के आदर्श जीवन, नारी सम्मान, और समाज में धर्म आधारित आचरण की महत्ता पर प्रवचन दिया।

 

उल्लेखनीय है कि लोरमी में श्रीराम कथा का यह आयोजन 2 नवम्बर से प्रारंभ हुआ है, जो 10 नवम्बर 2025 तक चलेगा। आयोजन के दौरान प्रतिदिन सुबह भव्य कलश यात्रा, सामूहिक राम नाम संकीर्तन और शाम को कथा प्रवचन का कार्यक्रम हो रहा है।

लोरमी का मानस मंच बीते 40 वर्षों से धार्मिक आयोजनों का केंद्र रहा है, जहाँ देशभर के संत, कथावाचक और भक्त एकत्र होकर धर्म और संस्कृति की गंगा बहाते हैं। इस बार चिन्मयानंद बापू जी के श्रीमुख से कथा श्रवण कर रही जनता ने लोरमी को एक बार फिर आस्था और अध्यात्म का केंद्र बना दिया है।