चारागाह व तालाब की जमीन पर अवैध कब्जा, ग्रामीणों का फूटा गुस्सा, SDM ने मौके पर दिए कार्रवाई के निर्देश

खैरागढ़ के ग्राम हीरावाही (खार) में चारागाह और शासन द्वारा स्वीकृत तालाब की भूमि पर अवैध निर्माण को लेकर ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया। ग्रामीणों की शिकायत पर SDM खैरागढ़ ने मौके पर तहसीलदार और पटवारी को जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिए, जिसमें अतिरिक्त शासकीय भूमि पर कब्जा पाए जाने की पुष्टि हुई है।

Dec 13, 2025 - 17:30
Dec 13, 2025 - 17:30
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चारागाह व तालाब की जमीन पर अवैध कब्जा, ग्रामीणों का फूटा गुस्सा, SDM ने मौके पर दिए कार्रवाई के निर्देश

 UNITED NEWS OF ASIA. मनोहर सेन, खैरागढ़ | खैरागढ़ जिला खैरागढ़–छुईखदान–गंडई के ग्राम हीरावाही (खार) में चारागाह एवं शासन द्वारा स्वीकृत तालाब निर्माण स्थल पर अवैध कब्जे का मामला लगातार गंभीर होता जा रहा है। इस मुद्दे को लेकर ग्रामीणों में भारी आक्रोश देखा जा रहा है। ग्रामीणों ने घनश्याम साहू पिता स्वर्गीय गौराम साहू, निवासी कोड़ेनवागांव पर शासकीय भूमि पर जबरन शॉपिंग कॉम्प्लेक्स निर्माण कराने का गंभीर आरोप लगाया है।

 ग्रामीणों का कहना है कि जिस भूमि पर निर्माण कार्य किया जा रहा है, वह वर्षों से गांव के मवेशियों के लिए चारागाह के रूप में उपयोग में लाई जा रही है। यही नहीं, इसी भूमि पर शासन की महत्वपूर्ण जल संरक्षण योजना के अंतर्गत तालाब निर्माण भी स्वीकृत है। इसके बावजूद बिना किसी वैधानिक अनुमति और प्रशासनिक स्वीकृति के निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया, जिससे ग्रामीणों की आजीविका, पशुपालन व्यवस्था और जलस्रोतों पर सीधा खतरा उत्पन्न हो गया है।

ग्रामीणों ने बताया कि इससे पहले भी तीन से चार बार समझाइश दिए जाने के बाद लगभग दो वर्ष पूर्व निर्माण कार्य बंद हो गया था। लेकिन हाल ही में फिर से ग्रामीणों को गुमराह कर अवैध निर्माण शुरू कर दिया गया। जब ग्रामीणों ने मौके पर पहुंचकर इसका विरोध किया, तो आरोप है कि घनश्याम साहू, उनके पुत्र तारेश साहू, जय साहू सहित परिवार के अन्य सदस्यों ने उग्र व्यवहार किया, अपमानजनक शब्दों का प्रयोग किया और शिकायत करने पर धमकी भी दी।

मामले की गंभीरता को देखते हुए समस्त ग्रामीण अनुविभागीय अधिकारी (SDM) खैरागढ़ के पास पहुंचे और लिखित ज्ञापन सौंपा। SDM खैरागढ़ ने स्वयं बाहर आकर ग्रामीणों की शिकायत सुनी और तत्काल तहसीलदार को मौके पर बुलाया। इसके बाद पटवारी को स्थल निरीक्षण, सीमांकन और मुहाना करने के निर्देश दिए गए।

निरीक्षण के उपरांत पटवारी मनीषा जंघेल ने जानकारी दी कि संबंधित भूमि का नक्शा-खसरा प्रस्तुत कर दिया गया है। प्रारंभिक जांच में लगभग 12 डिसमिल अतिरिक्त शासकीय भूमि पर अवैध कब्जा पाया गया है। प्रशासन ने स्पष्ट संकेत दिए हैं कि मामले में नियमानुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी।

ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि चारागाह और तालाब की भूमि को अवैध कब्जे से मुक्त कराया जाए, ताकि गांव के मवेशियों और जल संसाधनों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। प्रशासनिक कार्रवाई को लेकर अब पूरे गांव की नजरें आगे की कार्यवाही पर टिकी हुई हैं।