किरंदुल में कलपातुरू कंपनी पर गंभीर आरोप: मजदूरों को उचित मानदेय नहीं मिलने से भड़का आक्रोश

किरंदुल में 211 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट पर काम कर रही कलपातुरू इंटरनेशनल कंपनी एक बार फिर विवादों में घिर गई है। मजदूरों ने कंपनी पर उचित मानदेय न देने का गंभीर आरोप लगाया है। पहले भी छेड़छाड़, नाबालिग से काम कराना और सुरक्षा में लापरवाही जैसे मामले सामने आ चुके हैं। कंपनी अधिकारियों और एनएमडीसी प्रबंधन ने मजदूरों के भुगतान संबंधी जानकारी देने से भी परहेज किया। मजदूरों ने प्रशासन और श्रम विभाग से पारदर्शी जांच और न्याय की मांग की है।

Sep 24, 2025 - 15:54
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किरंदुल में कलपातुरू कंपनी पर गंभीर आरोप: मजदूरों को उचित मानदेय नहीं मिलने से भड़का आक्रोश

UNITED NEWS OF ASIA. नवीन चौधरी, किरंदुल। दंतेवाड़ा जिले के किरंदुल क्षेत्र में 211 करोड़ रुपये की लागत से निर्माणाधीन कलपातुरू इंटरनेशनल कंपनी एक बार फिर विवादों के घेरे में आ गई है। इस बार कंपनी पर कार्यरत मजदूरों ने उचित मानदेय नहीं देने का गंभीर आरोप लगाया है। मजदूरों का कहना है कि उन्हें तय मजदूरी नहीं दी जा रही, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति लगातार बिगड़ रही है।

पुराने आरोपों से घिरी कंपनी

कलपातुरू कंपनी पर इससे पहले भी कई आरोप लग चुके हैं। इनमें एक आदिवासी महिला के साथ छेड़छाड़नाबालिगों से जबरन काम कराना और सुरक्षा नियमों की अनदेखी जैसे गंभीर मामले शामिल हैं। अब मजदूरों के मानदेय विवाद ने कंपनी की कार्यशैली पर फिर से सवाल खड़े कर दिए हैं।

कंपनी और प्रबंधन के टालमटोल जवाब

जब स्थानीय पत्रकारों ने कंपनी के प्रोजेक्ट इंचार्ज मोहम्मद मतेउर रहमान से मजदूरों को किए गए भुगतान की जानकारी मांगी, तो उन्होंने कहा कि “हमारे पास किसी भी तरह का भुगतान डाटा उपलब्ध नहीं है।”
इसी तरह साइट इंचार्ज विनोद चतुर्वेदी ने भी जानकारी देने से बचते हुए कहा कि वे टूर पर हैं और लौटने के बाद ही देख पाएंगे।

पत्रकारों ने जब इस संबंध में एनएमडीसी प्रोजेक्ट कार्यालय में पदस्थ महाप्रबंधक नरेश जी से बात की, तो उन्होंने भी साफ शब्दों में कहा कि मजदूरों के मानदेय से उनका कोई लेना-देना नहीं है। इससे यह स्पष्ट होता है कि कंपनी में भुगतान संबंधी मामलों में गंभीर अनियमितताएं और संभावित भ्रष्टाचार हो रहा है।

मजदूरों की न्याय की पुकार

मजदूरों ने जिला प्रशासन और श्रम विभाग से इस पूरे मामले की पारदर्शी जांच कर न्याय दिलाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि जब तक उन्हें उचित मानदेय और श्रमिक अधिकार नहीं मिलते, तब तक वे अपनी आवाज उठाते रहेंगे।

पारदर्शिता और कार्रवाई की मांग

मजदूरों ने जिला प्रशासन से अपील की है कि वह इस प्रकरण की गहन जांच करे और कंपनी की मनमानी पर अंकुश लगाए। मजदूरों का कहना है कि अब वक्त आ गया है कि श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित की जाए और जिम्मेदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो।

कलपातुरू कंपनी पर लगे ताजा आरोपों ने श्रमिक अधिकारों और औद्योगिक पारदर्शिता को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब देखने वाली बात यह होगी कि प्रशासन और श्रम विभाग मजदूरों की इस लड़ाई में क्या रुख अपनाते हैं।