जबलपुर में फिर तेंदुए की मौत से मचा हड़कंप, 20 दिन में दूसरी घटना ने वन विभाग की सुरक्षा पर उठाए सवाल

जबलपुर जिले के गौरहा बीट में एक तेंदुए का शव मिलने से सनसनी फैल गई। 20 दिन के भीतर यह दूसरी घटना है जब सिहोरा वन परिक्षेत्र में तेंदुए की मौत हुई है। वन विभाग ने क्षेत्र को रि-स्ट्रिक्टेड जोन घोषित कर जांच शुरू कर दी है।

Nov 11, 2025 - 16:15
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जबलपुर में फिर तेंदुए की मौत से मचा हड़कंप, 20 दिन में दूसरी घटना ने वन विभाग की सुरक्षा पर उठाए सवाल

UNITED NEWS OF ASIA. जबलपुर। मध्यप्रदेश के जबलपुर जिले में एक बार फिर तेंदुए की मौत से सनसनी फैल गई है। गौरहा बीट के चितावर माता मंदिर के पास सड़क किनारे एक तेंदुए का शव मिलने के बाद पूरे क्षेत्र को रि-स्ट्रिक्टेड जोन घोषित कर दिया गया है। वन विभाग की टीम मौके पर पहुंचकर मामले की जांच में जुटी हुई है।

जानकारी के अनुसार, मृत तेंदुए को सबसे पहले स्थानीय ग्रामीणों ने देखा और इसकी सूचना वन विभाग को दी। सूचना मिलते ही डीएफओ ऋषि मिश्रा समेत सिहोरा वन परिक्षेत्र की टीम मौके पर पहुंची। प्रारंभिक जांच में अधिकारियों ने आशंका जताई है कि तेंदुए की मौत एनिमल फाइट (जानवरों के बीच संघर्ष) में हुई हो सकती है। हालांकि, वन विभाग ने स्पष्ट किया है कि मौत के कारणों की पुष्टि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही की जाएगी।

इससे पहले 20 दिन पहले हरगढ़ बीट में भी एक तेंदुए का शव मिला था, जिससे वन विभाग की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं। लगातार दूसरी घटना ने यह संकेत दिया है कि क्षेत्र में वन्यजीवों की सुरक्षा और निगरानी में कहीं न कहीं चूक हो रही है।

स्थानीय वन अधिकारियों के अनुसार, गौरहा और हरगढ़ बीट दोनों इलाके सिहोरा वन परिक्षेत्र के अंतर्गत आते हैं, जो घने जंगलों और जंगली जानवरों की आवाजाही के लिए प्रसिद्ध है। क्षेत्र में हाल के दिनों में शिकारियों की गतिविधियों और मानव–वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं में भी वृद्धि हुई है।

वन विभाग ने बताया कि तेंदुए के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और आसपास के क्षेत्र में डॉग स्क्वायड और ट्रैकिंग टीमों की सहायता से जांच जारी है। साथ ही इलाके में पेट्रोलिंग और कैमरा ट्रैप बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।

पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि लगातार तेंदुओं की संदिग्ध मौतें इस बात का संकेत हैं कि जंगलों में खाद्य शृंखला और आवासीय संतुलन बिगड़ रहा है। उन्होंने सुझाव दिया कि राज्य सरकार को सिहोरा वन परिक्षेत्र में विशेष वन्यजीव निगरानी मिशन चलाना चाहिए।

यह दूसरी घटना न केवल वन विभाग के लिए चेतावनी है बल्कि यह भी दर्शाती है कि वन्यजीव संरक्षण नीतियों को जमीनी स्तर पर और अधिक सख्ती से लागू करने की आवश्यकता