विदिशा में ग्राम पंचायत मलानिया के सरपंच और सचिव पर भ्रष्टाचार का केस दर्ज, दोनों फरार

विदिशा जिले की ग्राम पंचायत मलानिया में निर्माण कार्यों में गड़बड़ी और भ्रष्टाचार के आरोप में सरपंच रईस खान और सचिव ब्रजेश यादव के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। जनपद पंचायत सीईओ की शिकायत पर मामला कायम किया गया। दोनों आरोपी फिलहाल फरार हैं।

Nov 11, 2025 - 16:07
 0  7
विदिशा में ग्राम पंचायत मलानिया के सरपंच और सचिव पर भ्रष्टाचार का केस दर्ज, दोनों फरार

UNITED NEWS OF ASIA. विदिशा। पंचायत स्तर पर विकास कार्यों में पारदर्शिता के तमाम दावों के बीच एक बार फिर भ्रष्टाचार की परतें खुलती नजर आई हैं। जिले की लटेरी जनपद पंचायत के ग्राम पंचायत मलानिया में निर्माण कार्यों में अनियमितता और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप सामने आए हैं। इस मामले में सरपंच रईस खान और सचिव ब्रजेश यादव के खिलाफ लटेरी पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज की गई है।

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रशांत चौबे ने जानकारी दी कि यह कार्रवाई जनपद पंचायत सीईओ उदय प्रताप सिंह की ओर से दिए गए प्रतिवेदन और आवेदन के आधार पर की गई है। शिकायत में कहा गया था कि ग्राम पंचायत के कई निर्माण कार्यों में फर्जीवाड़ा, गुणवत्ता में कमी और भुगतान में अनियमितता बरती गई। प्राथमिक जांच के बाद दोनों अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के साक्ष्य पाए गए।

एफआईआर दर्ज होने के बाद पुलिस ने आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है, लेकिन सरपंच और सचिव दोनों फिलहाल फरार हैं। पुलिस की टीमों द्वारा उनके संभावित ठिकानों पर दबिश दी जा रही है।

ग्राम पंचायत मलानिया में पिछले एक साल से विकास कार्यों की गुणवत्ता को लेकर ग्रामीणों के बीच असंतोष था। बताया जाता है कि पंचायत के तहत किए गए कई सड़क, नाली और भवन निर्माण कार्यों में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया। शिकायतों के आधार पर जब जनपद पंचायत द्वारा जांच कराई गई तो अनियमितताओं की पुष्टि हुई।

स्थानीय लोगों ने बताया कि सरपंच और सचिव ने योजनाओं के तहत जारी धन का दुरुपयोग किया और ठेकेदारों के साथ मिलकर फर्जी बिलों के जरिए भुगतान कराया। ग्रामीणों ने दोनों अधिकारियों की तत्काल गिरफ्तारी और कठोर कार्रवाई की मांग की है।

इस घटना ने पंचायत स्तर पर व्याप्त भ्रष्टाचार को एक बार फिर उजागर कर दिया है। प्रशासन का कहना है कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा और मामले की संपूर्ण जांच एसडीएम स्तर पर भी कराई जाएगी।

यह मामला न केवल ग्रामीण विकास योजनाओं की विश्वसनीयता पर सवाल खड़ा करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि भ्रष्टाचार की जड़ें अब गांव तक पहुंच चुकी हैं