भानुप्रतापपुर में सड़क निर्माण में भारी अनियमितता, केवटी–परवी मार्ग पर ठेकेदार–विभाग की मिलीभगत के आरोप
भानुप्रतापपुर विकासखंड के ग्राम केवटी से परवी तक सड़क रिन्यूअल कार्य में गंभीर अनियमितताएं सामने आई हैं। सड़क निर्माण पूरा होने से पहले ही उखड़ने लगा है, जिससे ठेकेदार और विभागीय इंजीनियरों की मिलीभगत पर सवाल उठ रहे हैं। ग्रामीणों ने उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।
UNITED NEWS OF ASIA. श्रीदाम ढाली, भानुप्रतापपुर। भानुप्रतापपुर विकासखंड अंतर्गत ग्राम केवटी से परवी तक ग्राम मंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत किए जा रहे सड़क रिन्यूअल कार्य में भारी अनियमितता का गंभीर मामला सामने आया है। सड़क निर्माण की गुणवत्ता को लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों ने कड़ा विरोध दर्ज कराया है, जिससे ठेकेदार और विभागीय इंजीनियरों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो गए हैं।
ग्रामीणों के अनुसार, सड़क रिन्यूअल का कार्य अभी पूरी तरह समाप्त भी नहीं हुआ है कि नई बनी सड़क एक ओर से उखड़ना शुरू हो गई है। यह स्थिति साफ तौर पर दर्शाती है कि निर्माण कार्य में घटिया सामग्री का उपयोग किया गया है और तकनीकी मानकों की अनदेखी की गई है।
इस संबंध में ग्राम परवी के सरपंच राजेंद्र ध्रुव ने कड़ा विरोध जताते हुए कहा कि,
“ठेकेदार द्वारा सड़क निर्माण में गंभीर अनियमितताएं बरती जा रही हैं। कार्य अधूरा है और सड़क अभी से उखड़ने लगी है। यह सब विभागीय मिलीभगत के बिना संभव नहीं है।”
गुणवत्ताहीन कार्य पर विभाग डाल रहा पर्दा
सरपंच सहित ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि विभाग स्वयं घटिया कार्य पर पर्दा डालने का प्रयास कर रहा है। उनका कहना है कि विभागीय इंजीनियर निर्माण कार्यों की उचित मॉनिटरिंग (पर्यवेक्षण) नहीं कर रहे हैं, जिससे ठेकेदार को मनमानी करने का खुला अवसर मिल रहा है। निर्माण स्थल पर इंजीनियरों की अनुपस्थिति या लापरवाहीपूर्ण निगरानी ने संदेह को और गहरा कर दिया है।
ग्रामीणों के प्रमुख आरोप
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सड़क निर्माण पूरा होने से पहले ही उखड़ने लगा
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उपयोग की जा रही सामग्री की गुणवत्ता अत्यंत निम्न
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विभागीय इंजीनियरों द्वारा लापरवाहीपूर्ण मॉनिटरिंग
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ठेकेदार के घटिया कार्य को विभागीय संरक्षण
ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि इस सड़क निर्माण की उच्च स्तरीय तकनीकी जांच कराई जाए और दोषी ठेकेदारों एवं संबंधित अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र गुणवत्ता सुधार और जांच नहीं की गई, तो वे आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे।